जूलियन असांजे करेंगे दुष्कर्म मामले में कोर्ट का सहयोग।

स्वीडन में दुष्कर्म मामले में 2012 में असांजे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था, जिससे बचने के लिए उन्होंने एक्वाडोर दूतावास में शरण ली थी।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : विकिलीक्स के सह संस्थापक जूलियन असांजे ने स्पष्ट किया है कि स्वीडन में उन पर लगे दुष्कर्म के मामले में वह अदालत का सहयोग करेंगे, लेकिन अमेरिका द्वारा प्रत्यर्पण की कोशिश को चुनौती देंगे। रविवार को असांजे की वकील जेनिफर रॉबिन्सन ने कहा कि अमेरिका द्वारा प्रत्यर्पण की कोशिश का पिछले कई वर्षो से विरोध किया जा रहा है। असांजे लंदन में एक्वाडोर दूतावास में पिछले कई साल से रह रहे थे। पिछले गुरुवार को उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उनपर दुष्कर्म मामले में मिली जमानत की शर्ते तोड़ने का आरोप है। स्वीडन में दुष्कर्म मामले में 2012 में असांजे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था, जिससे बचने के लिए उन्होंने एक्वाडोर दूतावास में शरण ली थी। कोर्ट से असांजे को सशर्त जमानत मिली थी। मूलरूप से ऑस्ट्रेलिया के नागरिक असांजे ने 2010 में अमेरिकी सेना से जुड़े कई गुप्त दस्तावेज लीक कर पूरी दुनिया में सनसनी मचा दी थी। इसके बाद अमेरिकी सरकार द्वारा असांजे के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उनके प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है। गुरुवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद असांजे को अमेरिका भेजे जाने की संभावना भी जताई जा रही है। इसी का वह विरोध कर रहे हैं। असांजे के पिता ने आस्ट्रेलिया की सरकार से अपने बेटे की मदद करने की गुजारिश की है। साथ ही उन्होंने असांजे को अपने देश आस्ट्रेलिया बुलाने का सुझाव दिया है। रविवार को मीडिया ने इसकी जानकारी दी। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार मेलबर्न में रहने वाले पिता जॉन शिफ्टन ने आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीशन से मामले में दखल देने की गुजारिश की है। शिफ्टन ने दैनिक समाचार पत्र हेराल्ड सन से रविवार को कहा, ‘मॉरीशन और विदेश मंत्रालय व व्यापार विभाग (डीएफएटी) को इस मामले पर कुछ करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘इस मामले को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। विदेश और व्यापार विभाग के एक अधिकारी और एक सीनेटर के बीच असांजे के प्रत्यर्पण के लिए कुछ बातचीत हुई है।’

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