(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : संसद के मानसून सत्र का आज 9वां दिन है। असम में एनआरसी(नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) के ड्राफ्ट को लेकर आज संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ। अमित शाह के असम एनआरसी मुद्दे पर दिए गए बयान पर कांग्रेस सांसदों ने हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। मंगलवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के 2 अन्य सांसदों में NRC के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। एनआरसी ने इस ड्राफ्ट को कल जारी किया था। सोमवार को भी एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में काफी हंगामा हुआ, जिसकी वजह से कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर टीडीपी सांसदों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सांसद नारामल्ली शिवप्रसाद आज सत्य साईं बाबा का ड्रेस पहनकर पहुंचे। इससे पहले वह स्कूली बच्चे, नारदमुनि जैसे ड्रेस पहनकर पहुंच चुके हैं। अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद से लगातार टीडीपी विरोध प्रदर्शन कर रही है। वहीं असम में नागरिकता रजिस्टर से हटाए गए लोगों के नाम शामिल करने की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भी संसद परिसर में नारेबाजी की। असम एनआरसी ड्राफ्ट के मुद्दे पर संसद में गांधी मूर्ति के सामने टीएमसी, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया।असम में नेशनल रजिस्टर फार सिटीजन (एनआरसी) के ड्राफ्ट रिपोर्ट की गूंज संसद में भी सुनाई दी। विपक्षी दलों के हंगामे के कारण जहां राज्यसभा नहीं चल पाई, वहीं लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसी के साथ भेदभाव नहीं होने का भरोसा दिया। राजनाथ सिंह का कहना था कि यह केवल ड्राफ्ट है कि जिन लोगों का नाम इसमें नहीं है, उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने का पूरा अवसर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने साफ किया कि ड्राफ्ट सुप्रीम कोट की निगरानी में बना है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर गृह मंत्री से अनुरोध किया कि कोई समाधान निकालें।सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही तृणमूल सांसदों ने एनआरसी का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया और सभापति के आसन के सामने पहुंच गए। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। बार-बार ऐसा होने के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। वहीं तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्ष ने लोकसभा में एनआरसी के ड्राफ्ट रिपोर्ट को लेकर चिंता जताई। विपक्ष का कहना था यह लाखों लोगों के नागरिक अधिकार के साथ-साथ मानवाधिकार का भी मामला है। राजनाथ सिंह के आश्वासन के बावजूद विपक्षी दलों ने इसके विरोध में वाकआउट किया। राजनाथ सिंह ने असम के लोगों को अफवाहों से बचने की हिदायत देते हुए कहा कि यह केवल ड्राफ्ट रिपोर्ट है और फाइनल रिपोर्ट आना अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि हर किसी अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया जाएगा और उसके बाद ही फाइनल रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी। कानून में ही हर किसी को सुनवाई का मौका दिये जाने का प्रावधान है।