करूणानिधि का समाधिस्थल मरीना बीच है तमिलनाडु का राजघाट।

ज्यादा रेत होने के कारण मरीना बीच पर्यटकों को अधिक लुभाता है। बीच के पास तमिलनाडु की कई प्रमुख इमारतें मौजूद हैं।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : द्रविड राजनीति में चेन्नई के मरीना बीच की बेहद अहम जगह है। यह तमिल राजनीति के तीन प्रतिष्ठित नेताओं का समाधि स्थल है जो कभी न कभी प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। दिल्ली के राजघाट समाधि परिसर में भी देश के बड़े नेताओं की समाधियां हैं। तमिलनाडु का मरीना बीच भी लोगों के बीच ऐसे ही परिभाषित होता जा रहा है। यह बंगाल की खाड़ी के कोरामंडल तट के किनारे स्थित है। यहां छोटे पत्थर और कंकड़ों की तुलना में रेत ज्यादा है। इसलिए इसे प्राकृतिक शहरी रेतीला समुद्रतट भी कहा जाता है। शहरी रेतीले समुद्रतट इंसानों द्वारा बनाए कृत्रिम समुद्रतट होते हैं जिन्हें शहरों के बीचोंबीच बनाया जाता है। इन्हें बनाने का प्रमुख उद्देश्य होता है शहरों के उबाऊ परिदृश्य को आकर्षक बनाना। ज्यादा रेत होने के कारण मरीना बीच पर्यटकों को अधिक लुभाता है। बीच के पास तमिलनाडु की कई प्रमुख इमारतें मौजूद हैं। पांच बार तमिलनाडु के सीएम रहे एम करुणानिधि खुद को द्रविड़ आंदोलन के अन्य बड़े नेताओं की तरह ही नास्तिक मानते थे। किसी भी व्यक्ति का अंतिम संस्कार उसकी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर किया जाता है। अपवादों को छोड़ दें तो हिंदुओं का दाह संस्कार किया जाता है जबकि ईसाइयों और मुस्लिमों को दफनाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति भगवान में आस्था नहीं रखता है तो उसके परिवार और समुदाय की मान्यताओं के हिसाब से उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। दिल्ली का राजघाट महात्मा गांधी का समाधि स्थल है। राजघाट समाधि परिसर में देश के कई दिग्गज राजनेताओं की समाधियां भी हैं। इनमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (समाधि स्थल-शांति वन), लाल बहादुर शास्त्री (समाधि स्थलविजय घाट), इंदिरा गांधी (समाधि स्थल-शक्ति स्थल), पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा (समाधि स्थलकर्म भूमि) शामिल है।

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