न्यूज वेबसाइट ‘मिड-डे.कॉम’ के मुताबिक, आरोपी शुभम जामनिक को कार लोन के पांच लाख रुपए चुकाने थे. पुणे में दिघी इलाके के चहोली में रहने वाले शुभम जामनिक ने अपने ही मकान मालिक अमोल अरुड़े की बेटी तनिष्का अरुड़े को किडनैप कर लिया. बच्ची के पिता अमोल का दावा था कि उनकी बेटी कभी अजनबियों के साथ कहीं नहीं जाती थी. इसलिए उन्हें यही लग रहा था कि यह काम किसी जान-पहचान के शख्स का ही होगा.
वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, दिघी पुलिस थाने के सब-इंस्पेक्टर हरीश माने ने बताया कि बच्ची के पिता लगातार यह कह रहे थे कि यह काम किसी अनजान शख्स का नहीं हो सकता है. जब चार दिन तक बच्ची का पता नहीं चला तो हमें शुभम पर शक हुआ. माने ने बताया कि, शुभम ने कार के लिए बैंक से कर्ज़ा लिया था, और वह उसे चुका नहीं पा रहा था. इसलिए उनसे फिरौती वसूलने के मकसद से बच्ची को अगवा कर लिया. पुलिस ने शुभम और उसके दोस्त और अपराध में सहयोगी प्रतीक सताले को अरेस्ट कर लिया है.
किडनैप किए जाने के बाद तनिष्का लगातार विरोध कर रही ती. उसे चुप कराने लिए उन्होंने बच्ची के मुंह पर प्लास्टिक बैग लपेट दिया और उसे कार में डालकर अकोला के मुर्तिजापुर ले गए. उन्होंने तनिष्का को एक बोरे में डाल दिया और उसे आग लगा दी. इसके बाद उन्होंने अधजले शव को एक सुनसान इलाके में गाड़ दिया. बच्ची का शव अकोला में बरामद हुआ.
बच्ची के पिता का कहना है कि शुभम के अपराधी होने का पता चलने पर वह हैरान रह गए थे, क्योंकि वह भी बच्ची के गायब होने के बाद उसे तलाश करने में मदद कर रहा था.