(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): राहुल कार्की: पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है और महामारी को रोकने के उपाय को ढूंढने में जुटी हुई है। कोरोना वायरस ने भारत को भी बुरी तरह प्रभावित किया है और पूरा देश इसके खिलाफ एकजुट है। इसी क्रम में स्विट्जरलैंड ने इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ जो एकजुटता दिखाई है वो जानकर आप बेहद खुश हो जाएंगे। कोरोना वायरस से निपटने में भारत की तैयारियों की डब्ल्यूएचओ सहित कई देशों ने तारीफ की है। और अब इस कड़ी में स्विट्जरलैंड भी जुड़ गया है जहां स्विस आलप्स के मैटरहॉर्न पर्वत को रोशनी की मदद से तिरंगे से कवर कर दिया गया। भारत के लिए इस सम्मान की वजह यह भी है कि संकट की घड़ी में भारत ने एशिया हो या अफ्रीका, यूरोप या अमेरिका हर देश की मदद की है। पीएम मोदी ने तिरंगे के रंग से नहाए पर्वत की तस्वीर खुद रीट्वीट की है और कहा कि दुनिया कोविड19 के खिलाफ एकजुट होकर लड़ रही है। महामारी पर निश्चित रूप से मानवता की जीत होगी।’ 14,690 फुट ऊंचे पर्वत को तिरंगे के रंग से रोशन करने का काम किया है स्विट्जरलैंड के लाइट आर्टिस्ट गैरी हॉपस्टेटर ने। भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी और विश्व व्यापार संगठन में भारत की सेकंड सेक्रटरी गुरलीन कौर ने ट्वीट किया, ‘ स्विट्जरलैंड ने दिखाया है कि वह कोविड19 से लड़ने में भारत के साथ खड़ा है। प्रति हिमालस से आल्पस तक दोस्ती। जरमैट टूरिजम आपका आभार।’ इटली-स्विट्जरलैंड की सीमा पर मौजूद 4478 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद इस पर्वत के जरिये गैरी पहले भी ‘स्टे होम’ का संदेश दे चुके हैं। स्विट्जरलैंड में 19 अप्रैल को लॉकडाउन समाप्त हो रहा है। गैरी का लक्ष्य इस अवधि तक देश की इमारतों, स्मारकों और पर्वत के जरिये लोगों को कोरोना से लड़ने का संदेश देना है। इसी के तहत उन्होंने तिरंगे को पर्वत पर जगह दी। उन्होंने लिखा था कि स्विट्जरलैंड ने दिखाया कि वो कोरोना वायरस से लड़ने में भारत के साथ खड़ा है। इसके लिए अधिकारी ने स्विट्जरलैंड सरकार का भी शुक्रिया अदा किया।