क्या आप ट्रैकिंग और पैराग्लाइडिंग के शौकीन है ?, तो वैल्लोर घूमने ज़रूर जाए

आज हम आपको बताने जा रहे हैं, भारत की एक खास जगह वैल्लोर के बारे में

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ)  : भारत में ऐसी कई जगह हैं, जो घूमने-फिरने के मामले में विदेश की किसी जगह से कम नहीं हैं। आप यहां घूमकर विदेश जैसा अनुभव ले सकते हैं बल्कि भारत में ऐसी कई डेस्टिनेशन्स हैं, जिनकी तुलना विदेश से की जाती है। उन जगहों को मिनी स्विटजरलैंड, मिनी फ्रांस आदि जगहों से नवाजा जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं, भारत की एक खास जगह वैल्लोर के बारे में। जिसकी सुंदरता की वजह से उसे मिनी इंग्लैंड के नाम से जाना जाता है। आइए, जानते हैं वैल्लोर की खास बातें।वैल्लोर को दक्षिण भारत के प्राचीनतम शहरों में से एक माना जाता है। यह शहर  वैल्लोर किले के पास स्थित पलार नदी के किनारे बसा है। यह शहर चेन्नई और बैंगलोर तथा मंदिरों के शहर थिरुवन्नमलाई एवं तिरुपति के बीच स्थित है। तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में 29 स्वाेन्नयर किमी के क्षेत्र में फैला येलागिरि एक छोटा सा हिल स्टे्शन है। बैंगलोर से 40 किमी दूर स्थित है औद्योगिक शहर होसूर। आजादी से पूर्व ब्रिटिया काल में होसूर को छोटा इंग्लैंड कहा जाता था। सालभर सुहावना मौसम होने के कारण इसका वातावरण इंग्लैंड से मिलता था। होसूर के दो प्रमुख पर्यटन स्थरल हैं राजाजी स्माइरक और प्रत्याानगिरि मंदिर।छुट्टियों के लिए येलागिरी पहाड़ियां एक सुखद स्थान हैं। यहां हरी-भरी पहाड़ियां आपका स्वागत करती हैं। यह एक विलक्षण पहाड़ी स्थल है और तमिलनाडु के पहाड़ी स्थलों में से सबसे प्राचीन एवं प्रदूषणरहित है। येलागिरी पहाड़ियों का इलाका पिछड़ा हुआ है, जिसमें कॉटेज एवं फार्म हॉउस जैसी दिखने योग्य कुछ गिनेचुने विकास ही हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद इसने अपने ऊपर ‘दूरस्थ’ का ठप्पा लगा रखा है। यहां पर कई क्लब पैराग्लाइडिंग करवाते हैं। ये क्लमब तीन प्वा इंट पर 450 मीटर, 560 मीटर और 600 मीटर की ऊंचाई पर पैराग्लाइडिंग करवाते हैं। येलागिरि को  पैराग्लाइडिंग  के लिए लोकप्रिय बनाने के लिए यहां इंटरनेशनल पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है।

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