(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : NSA अजित डोभाल की ओर से एक सनसनीखेज आतंकी गतिविधि की जानकारी दी गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (National Security Advisor Ajit Doval) ने शानिवार को खुलासा किया कि 230 पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान हुई है जो भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं। कुछ पाकिस्तानी आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की है जिन्हें पकड़ लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान आतंकवाद के जरिए जम्मू-कश्मीर में समस्याएं पैदा करने की कोशिशें कर रहा है। हम पाकिस्तानी आतंकियों से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। अजित डोभाल ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। राज्य के भौगोलिक क्षेत्र के 92.5 फीसदी हिस्से से पाबंदियां हटा ली गई हैं। जम्मू-कश्मीर के 199 पुलिस थाना क्षेत्रों में से केवल 10 में ही पाबंदियां लागू हैं। राज्य में 100 फीसदी लैंड लाइन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि अधिकांश कश्मीरी अनुच्छेद-370 हटाने के समर्थन में हैं। राज्य के लोग सरकार के फैसले को बेहतरी, आर्थिक खुशहाली और रोजगार के अवसरों के तौर पर देख रहे हैं। डोभाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कुछ ही शरारती तत्व हैं जो सरकार के कदम का विरोध कर रहे हैं। जहां तक नेताओं की हिरासत या नजरबंदी का सवाल है तो यह कदम कानून के तहत राज्य में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। ये लोग अपनी नजरबंदी को अदालतों में चुनौती दे सकते हैं। हम पाकिस्तानी आतंकियों से राज्य के लोगों की रक्षा के लिए तत्पर हैं। इसके लिए यदि हमें कुछ पाबंदियां लगानी पड़ी तो हम वह भी करने के लिए तैयार हैं। एनएसए डोभाल ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि उसके मंसूबे कामयाब नहीं होने वाले हैं क्योंकि कश्मीर में पूरी तरह से शांति है। पाकिस्तानी हुक्मरानों में बौखलाहट साफ देखी जा रही है। सीमा से 20 किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान के कम्युनिकेशन टावर हैं। हमने उनकी बातचीत को ट्रेस किया है। इसमें वो से कह रहे हैं कि तुम लोग क्या कर रहे हो… वहां (कश्मीर में) इतने सेब से भरे ट्रक कैसे चल रहे हैं। क्या तुम उनको रोक नहीं सकते हो… तुम्हारे लिए क्या अब चूड़ियां भिजवा दें? सेना द्वारा प्रताड़ित किए जाने की खबरों का खंडन करते हुए डोभाल ने कहा कि भारतीय सेना तो केवल आतंकियों से मोर्चा संभाल रही है। ऐसे में सेना द्वारा परेशान किए जाने का तो सवाल ही नहीं उठता। राज्य में शांति और आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी तो राज्य की पुलिस और कुछ केंद्रीय बल संभाल रहे हैं। सोपोर में घायल हुई ढाई साल की बच्ची को इलाज के लिए एम्स लाने के निर्देश दे दिए गए हैं। इस बीच सेना और पुलिस सभी संदिग्ध गतिविधियों के प्रति पूरी तरह से चौकन्ना है।