छत्तीसगढ़ की बायोफ्यूल परियोजना ने भरी उडान

बाड़ी के ईंधन से विमानन कंपनी स्पाइस जेट के टर्बो क्यू 400 विमान ने उड़ान भरी

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी बायोफ्यूल परियोजना को पंख लग गए हैं। छत्तीसगढ़ की बाड़ी (खेत) से निकले बायो एविएशन फ्यूल से विमान ने देहरादून से दिल्ली तक उड़ान भरी। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 2005 में नारा दिया था- ‘डीजल नहीं अब खाड़ी से, डीजल मिलेगा बाड़ी से।’ 13 साल बाद यह नारा तब सार्थक हुआ जब बाड़ी के ईंधन से विमानन कंपनी स्पाइस जेट के टर्बो क्यू 400 विमान ने उड़ान भरी। देहरादून एयपोर्ट पर सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विमान को हरी झंडी दिखाई। इसमें 25 फीसद जैव ईंधन और 75 फीसद सामान्य एविएशन फ्यूल का इस्तेमाल किया गया।विमान में भारत के चार वैज्ञानिक, स्पाइस जेट के क्रू मेंबर, डीजीसीए के अधिकारी और छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण के परियोजना अधिकारी सुमित सरकार को मिलाकर 24 लोग सवार थे। दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान का स्वागत करने के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सुरेश प्रभु, नितिन गडकरी, डॉ. हर्षवर्धन और जयंत सिन्हा खड़े थे। धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर इस सफलता के लिए छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल अथारिटी की प्रशंसा की।बायोफ्यूल जैट्रोफा (रतनजोत) के बीजों का उत्पाद है। जैट्रोपा यूफोर्बियेसी परिवार का सदस्य है और अमेरिकी मूल का है। स्थानीय भाषा में इसे बरगंडी भी कहते हैं। जैट्रोपा का पौधा तीन-चार मीटर ऊंचा होता है और प्रतिकूल मौसम और विपरीत जलवायु में भी फलता-फूलता है।इस फ्यूल से रेलगाड़ियां भी दौड़ चुकी है। रेलवे ने रायपुर से धमतरी के बीच चलने वाली छोटी लाइन की ट्रेन में इस फ्यूल का उपयोग किया था।बायोफ्यूल अथारिटी ने राजधानी रायपुर के वीआइपी रोड में बायोफ्यूल का प्लांट में लगाया है। यहां प्रतिदिन तीन टन ऑयल का उत्पादन होता है। बिलासपुर, कवर्धा, मुंगेली, जांजगीर आदि जिलों में किसानों का सशक्त समूह गठित किया गया है। पेंड्रा समूह के पांच सौ किसानों ने वह बीज दिया, जिससे विमान का ईंधन बना। सरकार किसानों से 13-14 रुपये प्रतिकिलो के दाम पर बीज खरीदती है। चार किलो बीज से एक किलो तेल निकलता है।केंद्र सरकार ने इसी साल चार जून को जैव ईंधन नीति 2018 घोषित की। 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व बायोफ्यूल दिवस पर इस नीति को राष्ट्र को समर्पित किया। भारत सरकार ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों की कमेटी बनाई है, जिसमें छत्तीसगढ़ को भी शामिल किया है।बायोफ्यूल से विमान उड़ने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने नारा गढ़ा है- अब उड़गे हवाई जहाज रतनजोत के तेल मा, छत्तीसगढ़ के नाम होही अब देश विदेश मा।

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