छत्‍तीसगढ़: राजनांदगांव में DRG जवानों ने मुठभेड़ में मारे सात नक्सली, ऑपरेशन जारी।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : डीआरजी जवानों की नक्सलियों के साथ चली मुठभेड़ में सात नक्‍सली मारे गए हैं।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : डीआरजी जवानों की नक्सलियों के साथ चली मुठभेड़ में अब तक सात नक्‍सली मारे गए हैं। यह मुठभेड़ छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुई। राज्‍य के डीजीपी डीएम अवस्‍थी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि ऑपरेशन अभी भी जारी है। घटनास्‍थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है। बता दें कि सुरक्षा बल के जवान नक्‍सलियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं, जिससे नक्‍सली हमलों में कमी आई है। यह मुठभेड़ राजनांद गांव (Rajnandgaon) जिले के बागनदी थाना क्षेत्र (Bagnadi Police Station) के शेरपार सीतागोटा के जंगल में हुई। एक अन्‍य पुलिस अधिकारी ने बताया कि महाराष्‍ट्र की सीमा से सटे शेरपार सीतागोटा (Sitagota) के जंगलों के बीच पहाडि़यों पर नक्‍सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद डीआरजी (District Reserve Guard, DRG) और सीएएफ की टीम को मौके पर रवाना किया गया जहां उनका सामना नक्‍सलियों से हुआ। इस मुठभेड़ में चार महिला नक्‍सली भी मारी गई हैं। सरकार ने पिछले महीने में संसद में बताया था कि साल 2009-2013 की तुलना में वर्ष 2014-18 के दौरान नक्सली हिंसा में 43 फीसदी की कमी आई है। राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया था कि राष्ट्रीय नीति एवं कार्य योजना 2015 के अमल में लाए जाने की वजह से नक्सली हिंसा में लगातार कमी आई है। साल 2018 में नक्सली हिंसा से प्रभावित जिलों की संख्या घटकर केवल 60 रह गई है। गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने बताया कि साल 2010 में नक्सली हिंसा से प्रभावित जिलों की संख्या 95 थी। नक्सली हिंसा की घटनाएं साल 2009 में 2258 दर्ज की गई थीं जो साल 2018 में कम होकर 833 रह गई हैं। यही नहीं साल 2010 में नक्सली हिंसा में 1005 लोगों की मौत हो गई थी। साल 2018 में नक्‍सली हिंसा में मौतों का आंकड़ा घट कर 240 रह गया है। इस साल 30 जून तक नक्सली हमलों में 117 लोगों की मौत हुई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 139 लोग मारे गए थे। बता दें कि सरकार ने हाल ही में आतंकवाद और देख विरोधी गतिविधियों के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा एजेंसियों के हाथ और मजबूत किए हैं। राज्यसभा ने गैर-कानूनी गतिविधियों के रोकथाम (संशोधन) विधेयक UAPA Bill को मंजूरी दे दी है। इससे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अब देश के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल ऐसे किसी भी व्यक्ति को आतंकी घोषित कर सकेगी। इनमें वह भी शामिल होंगे, जो विदेशों में बैठकर देश में आतंकी गतिविधियों को संचालित करते हैं। UAPA Bill के पारित होने के बाद अब झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त ने सोनुआ थाना क्षेत्र में 25 अप्रैल 2018 को आधा दर्जन से अधिक वाहन फूंकने वाले नक्सलियों के विरुद्ध अनलॉफुल एक्टिविटिज प्रीवेंशन एक्ट (यूएपीए) में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है। उन्होंने छह नक्सलियों के विरुद्ध मुकदमा चलाने की अनुशंसा करते हुए गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। गृह विभाग की अनुमति मिलने के बाद सभी छह नक्सलियों पर यूएपीए में मुकदमा चलेगा।

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