जब तक कोरोना मिटेगा नहीं तब तक धैर्य रखना है: मोहन भागवत

उन्होंने ये भी कहा है, ‘भारत ने अपना नुकसान झेलकर भी दुनिया को दवाईयां भेजी हैं. जो मांगेंगे उनको देंगे.’ ‘हम इंसानों में भेद नहीं करते. ऐसे संकट में हम भेद नहीं करते. जो लोग इस काम में लगे हुए हैं, उनको साथ लेकर काम करना है, सामूहिकता से काम करना है.’ ‘सब अपने लोग हैं, सबकी सेवा करनी है. सबको उत्तम सेवा देनी है. सावधानी आवश्यक है.’

‘काम करते हुए हम लोग बीमार ना हो जाएं, यह ध्यान रखना है. मास्क लगाना, हाथ धोना, अंतर रखना यह सब करना है.’ ‘काम करना है, धैर्य रखना है. सतत करना है. कब तक करना है, इस पर ध्यान नहीं देना. जब तक मिटता नहीं है तब तक करना है.’

महाराष्ट्र के दो संन्यासियों के हत्या पर मोहन भागवत ने कहा कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. उन्होंने लॉकडाउन के नियमों के पालन करने की अपील की है.

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खुलने पर कैसे लोगों में दूरी रहे यह देखना होगा. डिस्टेंस मेंटेन करना होगा. बाज़ार खुलेंगे, फैक्ट्री खुलेंगे तो लोगों को आपस में अंतर रखना सीखना होगा. उन्होंने यह भी बताया कि आरएसएस ने 30 जून तक सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.

स्वदेशी आचरण को अपनाना होगा, अपने देश के सामानों का ही इस्तेमाल करना होगा. विदेशों पर अवलंबन नहीं होना चाहिए.

लॉकडाउन के दौरान पर्यावरण का काफी शुद्ध हो गया है. हमें देखना होगा कि जब स्थिति सामान्य हो हमें जैविक तरीकों से जीवन को चलाना होगा.

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