नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय एयरलाइन ‘एयर इंडिया’ आमतौर पर यात्रियों की सुविधाओं की अनदेखी करने, या यूं कहिए अच्छी कस्टमर सर्विस नहीं देने के लिए बदनाम है। आज सुबह 6:30 बजे ऐसा ही मामला दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर देखने को मिला। दिल्ली से भुंतर (कुल्लू) जाने वाली डोमेस्टिक फ्लाइट की कस्टमर प्रिया लेट हो रही थी। इसलिए वो काउंटर पर खड़ी हो कर स्टाफ से गुज़ारिश कर रही थी। आरोप है कि पहले उन्हें एक काउंटर पर खड़ा रखा गया और फिर बाद में दूसरे काउंटर पर जाने को कहा। जहाँ एक महिला स्टाफ़ फ़ोन पर ही व्यस्त थी। अनुरोध करने पर भी ध्यान नहीं देने का आरोप है। बाद में उन्हें कहा गया कि वो थोड़ी लेट हो गई हैं। जबकि वो पहले से एक काउंटर पर लाइन में लगी हुई थीं। उनके अनुरोध करने पर बुरा मुँह बनाते हुए ‘एयर इंडिया’ की स्टाफ ने उन्हें ‘रिज़र्वेशन’ में जा कर बात करने को कहा। इसी भाग-दौड़ में उनकी फ्लाइट मिस हो गई। प्रिया का कहना है कि ‘एयर इंडिया’ की सेवाएं घटिया है। उन्होंने कहा कि अब उनको भी ये एहसास हो गया है कि लोग गलत नहीं कहते हैं ‘एयर इंडिया’ वास्तव में बहुत ही बुरी है। जबकि प्रिया के साथ उनके पति भी थे। दोनों ही साथ कुल्लू जा रहे थे। ज्ञात हो कि दोनों पति-पत्नी ‘फ्रीकवेंट फ़्लायर्स’ हैं। इन सबके बावजूद प्रिया को कोई फण्ड भी रिटर्न नहीं किया गया। ‘एयर इंडिया’ स्टाफ की लापरवाही से देखते ही देखते जहाँ 14000 रु० का नुक्सान हो गया। वहीँ प्रिया के कुल्लू के आगामी कार्यक्रम भी प्रभावित हुए। प्रिया का कहना है कि मेरा बाकि लोगों को भी ये सन्देश है कि इस एयरलाइन्स से बच कर ही रहें। बस मज़बूरन इस एयरलाइन को झेलना पड़ रहा है क्योंकि हिमाचल कुल्लू आने-जाने के लिए दूसरी फ्लाइट ही नहीं है। ऐसी ही घटना जम्मू जाने वाले ‘एयर इंडिया’ के एक अन्य ग्राहक से भी कुछ देर बाद हुई। ये बड़ा ही दुःखद पहलू है कि ‘एयर इंडिया’ में कोई सुधार नहीं आ रहा। सरकारें बदल रहीं हैं ‘मंत्री’ बदल रहे हैं लेकिन लोगों की नजर में ‘एयर इंडिया’ और नीचे गिरी है। आये दिन ‘एयर इंडिया’ का विवादों में रहना, इसे दुनिया की घटिया सेवाओं वाली ‘एयरलाइन्स’ की कतार में ला खड़ा करती हैं। वैसे भी एयर इंडिया हमेशा से ही घटिया स्टाफ अनुशासन, घटिया सेवाओं और आमतौर पर देरी के लिए जानी जाती है। एयर इंडिया अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में स्टाफ पर कहीं ज़्यादा खर्च करती है, और उनके राजस्व का 20 फीसदी हिस्सा सिर्फ स्टाफ को दी जाने वाली वेतन और सुविधाओं में खर्च होता है, जबकि जेट एयरवेज़ इस मद में सिर्फ 10 फीसदी खर्च करती है। इसके अलावा कंपनी का फ्लीट भी ज़्यादा महंगा है, और यह कई ऐसे सेक्टरों में उड़ान भरती है, जहां मुनाफा नहीं हो सकता। बताया जाता है कि एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपये की देनदारी है, और सिर्फ ब्याज के मद में उसे हर साल लगभग 4,000 करोड़ रुपये देने पड़ते हैं।