(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तरप्रदेश के एक दिवसीय दौरे पर गए। उन्होंने प्रयागराज में चल रहे कुंभ में डुबकी लगाई और मां गंगा की पूजा-अर्चना की। मोदी ने सफाईकर्मियों के पैर धोकर उनका आभार भी जताया।मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, पिछले 4.5 साल में प्रधानमंत्री के तौर पर मुझे जो भी उपहार मिले, उनकी नीलामी से जो राशि इकट्ठा हुई है, उसका उपयोग मां गंगा की सेवा के लिए किया जाएगा। इस साल दो अक्टूबर तक देश खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने की ओर बढ़ रहा है। मुझे विश्वास है कि प्रयागराज की ‘स्वच्छगिरी’ पूरे देश के लिए प्रेरणा के तौर पर आगे आएगी।इससे पहले उन्होंने गोरखपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की। इसके तहत किसानों के खाते में 2 हजार कैश ट्रांसफर किए जाएंगे। मोदी ने कहा कि किसानों को दी राहत राशि मैं भी वापस नहीं ले सकता, अफवाह फैलाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना। मोदी ने गोरखपुर में 10 हजार करोड़ रु. की योजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास भी किया।”किसानों के लिए पहले की सरकारों ने बातें तो बहुत कीं, कागजों पर योजनाएं भी बनाईं। लेकिन उनकी योजना किसानों को सशक्त करने की नहीं, बल्कि उनको छोटी-छोटी चीजों के लिए तरसाने की थी। उनकी योजना कभी किसानों का भला करने की नहीं थी। इसी स्थिति को बदलने के लिए आपने 2014 में एनडीए की सरकार बनाने का अवसर दिया। हमने किसान की छोटी छोटी दिक्कतों पर ध्यान देने के साथ ही उनकी चुनौतियों के सम्पूर्ण निवारण के लिए भी काम किया। किसान सशक्त बने इसी लक्ष्य के साथ हम निकले हैं।”
मोदी ने कहा, “आजादी के बाद किसानों से जुड़ी यह सबसे बड़ी योजना आज उत्तर प्रदेश की धरती से मेरे देश के करोड़ो लोगों के आशीर्वाद से आरंभ हो रही है। गोरखपुर के लोगों को तो मैं दोहरी बधाई देता हूं, क्योंकि वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के साक्षात गवाह बन रहे हैं। गोरखपुर और पूर्वांचल के विकास से जुड़ीं लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया गया। स्वास्थ्य, सड़क, रेल, रोजगार, गैस, जैसे क्षेत्रों से जुड़ी यह तमाम परियोजनाएं इस क्षेत्र के जीवन को आसान बनाने वाली हैं। इसके लिए गोरखपुर सहित पूर्वांचल को मैं बहुत बधाई देता हूं।””किसानों के लिए पहले की सरकारों ने बातें तो बहुत कीं, कागजों पर योजनाएं भी बनाईं। लेकिन उनकी योजना किसानों को सशक्त करने की नहीं, बल्कि उनको छोटी-छोटी चीजों के लिए तरसाने की थी। उनकी योजना कभी किसानों का भला करने की नहीं थी। इसी स्थिति को बदलने के लिए आपने 2014 में एनडीए की सरकार बनाने का अवसर दिया। हमने किसान की छोटी छोटी दिक्कतों पर ध्यान देने के साथ ही उनकी चुनौतियों के सम्पूर्ण निवारण के लिए भी काम किया। किसान सशक्त बने इसी लक्ष्य के साथ हम निकले हैं।”