मुख्तार अंसारी: पंजाब के लिए बड़ा खुलासा

मुख्तार अंसारी, Inter-Provincial Gang IS-191 के नेता, जिन्होंने 1986 में अपने पंजाबी संबंधों को मजबूत बनाया था, उनके बारे में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। उनका संबंध पंजाब के साथ अपने क्रिमिनल और राजनीतिक जीवन से शुरू होकर व्यापारिक संगठनों तक फैला है।

अंसारी ने कई युवाओं को अपने शिष्य के रूप में भी पाला था, जिनमें प्रभजिंदर सिंह अलायस डिंपी भी एक नाम हैं। डिंपी ने यूनिवर्सिटी राजनीति से अपना करियर शुरू किया था, और फिर हत्या के मामलों में शामिल हो गए, उसके बाद वो मुख़्तार अंसारी के संपर्क में आया तब तक मुख़्तार पूर्वांचल के बाहुबली माफिया के रूप में जाना जाने लगा था । मुख़्तार के साथ बहुत से आपराधिक साजिश किये और अनेक अपहरण चलाए, और अंसारी को अवैध असलहो की सप्लाई का काम भी किया |

पंजाब में दोनों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें कहा गया कि वे पुलिस से फरार हो गए। लगभग 18 साल पहले, डिंपी की हत्या की गई, और उसके पीछे अंसारी का नाम आया क्यों की इस हत्या को एक पंजाबी युवक जसविंदर सिंह उर्फ़ रॉकी ने किया जो मुख़्तार अंसारी का ही आदमी था लेकिन गवाओ के गायब होने के कारन चार्जेज कोर्ट में साबित न हो सके | रॉकी जो फाजिल्का पंजाब का रहने वाला था उसने अंसारी के काम को खूब चमकाया लेकिन परवाणू (हिमाचल प्रदेश )में उसकी भी हत्या हो गयी |

इसके बाद, अंसारी ने पंजाब के राजनीतिक और व्यापारिक व्यक्तियों के साथ संबंध बनाए, जिसमें फिरोजपुर जिले का एक परिवार भी शामिल है। ये कहा जाता है पंजाब के गुरु हर सही फिरोजपुर के AWLA परिवार ने अंसारी के वसूली से इकट्ठा हुए धन का प्रबंधन किया, और उस धन से रमिंदर आवला जो की MLA थे और साथ साथ में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे ,गाजीपुर में एक मेगा उद्योग की स्थापना की |

इसके साथ साथ जब उत्तर प्रदेश सर्कार मुख़्तार को पंजाब से उत्तर प्रदेश में लेन की कोशिश कर रही तह तब यही परिवार अंसारी की राजनितिक दामाद बना कर जेल में साडी व्यवस्था मुख़्तार की देख रहा था | इसके बाद २०२२ में मुख्तार के बेटे अब्बास को भी अंडरग्राउंड होने में इसी आवला फॅमिली ने मदद किया था

इस घटना के बाद सरकार ने अंसारी के सहयोगियों से ₹600 करोड़ के संपत्ति को जब्त किया, और छह व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की। इसके अतिरिक्त, सरकार ने अंसारी से जुड़े अवैध व्यापार को भी बंद करने का निर्णय लिया है।

अब देखा जाएगा कि यूपी सरकार अंसारी के इन अवैध व्यापारों के पीछे कैसे जाती है और पंजाब में उनके व्यापारिक और राजनीतिक संबंधों की जाँच करती है, जो मुख्तार अंसारी को समर्थन प्रदान करते है |