फीफा वर्ल्ड कप 2023 में एक और बड़ा उलटफेर। मोरक्को ने फीफा वर्ल्ड कप 2022 में इतिहास रच दिया है। मंगलवार देर रात खेले गए प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मोरक्को ने पेनल्टी शूटआउट में स्पेन को 3-0 से हराकर पहली बार फीफा वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। 120 मिनट के खेल तक दोनों टीमें 0-0 से बराबर थीं लेकिन पेनल्टी शूटआउट में मोरक्को ने वो कर दिखाया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। इस हार के साथ ही स्पेन की टूर्नामेंट से विदाई हो गई है।
स्पेन की टीम 2010 में फीफा वर्ल्ड कप की चौंपियन बनी थी। उसके बाद से वह प्री-क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई। स्पेन अब तक चार बार क्वार्टर फाइनल में पहुंची है। वहीं, मोरक्को की बात करें तो वह अब तक क्वार्टर फाइनल में नहीं पहुंचा है। 1986 में उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा था, जबकि उसे प्री-क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।
गौरतलब है कि विश्व कप के इतिहास में यह मोरक्को का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। टीम ने इससे पहले 1986 में प्री-क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था। नियमित और फिर अतिरिक्त समय में मैच गोल रहित छूटने के बाद पेनल्टी शूटआउट में मोरक्को के गोलकीपर यासिन बोनोउ ने कमाल की एकाग्रता दिखाते हुए कई शानदार बचाव किये और स्पेन को गोल करने से रोके रखा।
शूटआउट में अब्देलहामिद सबीरी, हकीम जियेच और अशरफ हकीमी ने मोरक्को के लिए गोल किये जबकि बद्र बेनौन चूके गये। स्पेन के पाब्लो सराबिया का पेनल्टी शॉट पोस्ट से टकराया जबकि कार्लोस सोलेर और कप्तान सर्जियो बुसकेट्स के कीक पर मोरक्को के गोलकीपर बोनोउ ने शानदार बचाव किये।
दोनों टीमों के बीच यह चौथा मुकाबला था और मोरक्को की टीम पहली बार स्पेन को हराने में सफल रही है। इससे पहले तीन मुकाबलों में से स्पेन ने दो में जीत दर्ज की जबकि एक ड्रॉ रहा। स्पेन की टीम लगातार दूसरी बार विश्व कप के प्री-क्वार्टर फाइनल में पेनल्टी शूटआउट में हार कर बाहर हुई है। पिछली बार (2018) उसे मेजबान रूस ने हराया था।