लोकसभा में पेश हो रहे नेशनल मेडिकल काउंसिल विधेयक (एनएमसी) के विरोध में मंगलवार को डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे।
मुंबई.लोकसभा में पेश हो रहे नेशनल मेडिकल काउंसिल विधेयक (एनएमसी) के विरोध में मंगलवार को डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने इस दौरान सभी सरकारी व निजी डॉक्टरों से ओपीडी बंद रखने की अपील की है। आईएमए से जुड़े राज्य के करीब 40 हजार डॉक्टर इस हड़ताल में शामिल होंगे। आईएमए के पदाधिकारी डॉ. के के अग्रवाल ने कहा- सरकार जो कानून बनाने जा रही है, उससे मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार बढ़ेगा। मेडिकल की पढ़ाई बेहद मंहगी हो जाएगी। उन्होंने कहा-हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवाओं पर असर नहीं पड़ेगा। विधेयक के खिलाफ विरोध दर्शाने के लिए हमनें सभी डॉक्टरों से ओपीडी बंद रखने की अपील की है।
आम घरों के बच्चों का डॉक्टर बनना होगा मुश्किल
डॉ. अग्रवाल ने कहा
–हम इस विधेयक का इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि इससे निजी मेडिकल कॉलेजों का दबदबा और बढ़ जाएगा। नए मेडिकल कॉलेज की अनुमति लेने की प्रक्रिया में कोई कठोर नियम नहीं होंगे। निजी मेडिकल कॉलेज अपने हिसाब से सीटों की संख्या बढ़ा सकेंगे ।
– 40 प्रतिशत सीटों की फीस सरकार तय करेगी,60 फीसदी सीटों की फीस निजी मेडिकल कालेज तय कर सकेंगे। इससे चिकित्सा शिक्षा महंगी होगी और आम घरों के बच्चों का डॉक्टर बनने का सपना और मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मेडिकल शिक्षा मंहगी होने का असर मरीज पर पड़ेगा।
– मरीजों के उपचार का खर्च बढ़ेगा । विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक मेडिकल कॉलेज से यदि गलती हो जाए तो 5 करोड़ जुर्माना देकर छूट मिल जाएगी। राज्य मेडिकल काउंसिल जो राज्य के मेडिकल कॉलेजों पर नियंत्रण करती है, उसका वजूद लगभग खत्म हो जाएगा। सारे काम दिल्ली स्थित आयोग द्वारा होंगे।
विधेयक के ये हैं उद्देश्य
– देश में चिकित्सा शिक्षा की ऐसी प्रणाली बनाई जाए जो विश्व स्तर की हो। {प्रस्तावित आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि चिकित्सा शिक्षा के स्नातक और परास्नातक दोनों स्तरों पर उच्च कोटि के चिकित्सक मुहैया कराए जाएं। {एनएमसी विधेयक चिकित्सकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करेगा कि वे अपने क्षेत्र के नवीनतम शोधों को अपने काम में सम्मिलित करें । और ऐसे शोध में अपना योगदान करें।
– आयोग समय-समय पर चिकित्सा संस्थानों का मूल्यांकन करेगा। {राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग मेडिकल सेवा के सभी पहलुओं में नैतिक मानदंड को लागू करवाएगा।
गठन
– प्रस्तावित आयोग में एक अध्यक्ष को मिलाकर 25 सदस्य होंगे। जिनका चयन कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। इस आयोग में 12 पदेन सदस्य होंगे। जिसमें एम्स और आईसीएमआर के बोर्डों के चार अध्यक्ष भी होंगे।