शुक्रवार को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन की ओर से संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक भारत के 8000 से अधिक नागरिक विदेश की जेलों में बंद हैं। इसमे से 4389 भारतीय नागरिक गल्फ देशों की जेल में बंद हैं।
उन्होंने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में लिखित जवाब के जरिए यह जानकारी दी। भारत के कुल 8441 नागरिक विदेशी जेलों में बंद हैं, जिसमे अंडर ट्रायल भी शामिल हैं। इसमे से 4389 भारतीय यूएई, सउदी अरब, कतर, कुवैत, बहरीन, ओमान की जेलों में बंद हैं।
इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या संयुक्त अरब अमीरात की जेलों में बंद कैदी अपनी बाकी सजा भारतीय जेलों में काट सकते हैं, विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि सजा पाने वाले व्यक्तियों को ट्रांसफर ऑफ सेंटेंस्ड पर्सन्स समझौते के तहत जिस पर 23 नवंबर, 2011 को हस्ताक्षर किए गए थे, भारतीय नागरिक संयुक्त अरब अमीरात की जेलों में बंद अपनी शेष सजा काटने के लिए भारत में स्थानांतरित किया जा सकता है।
गौर करने वाली बात है कि 8 भारतीय नौसेना के अधिकारियों को दोहा में हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों का मुद्दा सामने आया था। उसके बाद एक दिसंबर को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत लगातार इस केस पर नजर बनाए है, भारतीय दूतावास इस केस को लगातार फॉलो कर रहा है। हिरासत में लिए गए भारतीय अपने परिवार के संपर्क में हैं। कुछ हिरासत में लिए गए लोगों के परिवार दोहा में हैं, उन्हें हर हफ्ते जेल में मिलने की अनुमति दी जा रही है। हम हर संभव मदद मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं।