शिक्षक दिवस के अवसर पर आज राष्ट्रपति ने देश के 46 शिक्षकों को विज्ञान भवन में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया

National Teachers Award 2022

5 सितंबर को हर वर्ष पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस दिन देश के अलग अलग राज्यों के कई शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. इस बाबत केवल उन शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाता है जो शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज स्कूली शिक्षा में अद्वितीय योगदान देने वाले 46 चयनित शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 प्रदान कर सम्मानित किया।  इनका चयन ऑनलाइन चयन प्रक्रिया के तहत किया गया है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने शिक्षकों को पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा, “शिक्षक दिवस के अवसर पर मैं अपने देश के सभी शिक्षकों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं।” और  जीवन के उस पक्ष को सबसे अधिक महत्व देती हूं जो शिक्षा से जुड़ा हुआ है। मैं मानती हूं कि यदि स्कूल स्तर की शिक्षा मजबूत नहीं होगी तो उच्च-शिक्षा का स्तर अच्छा नहीं हो सकता। मैं मानती हूं कि विज्ञान, साहित्य, अथवा सामाजिक शास्त्रों में मौलिक प्रतिभा का विकास मातृभाषा के द्वारा अधिक प्रभावी हो सकता है। विज्ञान और अनुसंधान के प्रति रुचि पैदा करना शिक्षकों की ज़िम्मेदारी है।  उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ एस राधाकृष्णन को सभी शिक्षकों के लिए एक उदाहरण बताय।

सम्मानित शिक्षकों में युद्धवीर, वीरेंद्र कुमार और अमित कुमार (हिमाचल प्रदेश); हरप्रीत सिंह, अरुण कुमार गर्ग और वंदना शाही (पंजाब); शशिकांत संभाजीराव कुलठे, सोमनाथ वामन वाके और कविता सांघवी (महाराष्ट्र); कंडाला रमैया, टीएन श्रीधर और सुनीता राव (तेलंगाना); प्रदीप नेगी और कौस्तुभ चंद्र जोशी (उत्तराखंड), सुनीता और दुर्गा राम मुवाल (राजस्थान), नीरज सक्सेना और ओम प्रकाश पाटीदार (मध्य प्रदेश), सौरभ सुमन और निशि कुमारी (बिहार), जी पोंसकरी और उमेश टीपी (कर्नाटक), माला जिगदल दोरजी और सिद्धार्थ योनजोन (सिक्किम); अंजू दहिया (हरियाणा), रजनी शर्मा (दिल्ली), सीमा रानी (चंडीगढ़), मारिया मुरेना मिरांडा (गोवा), उमेश भरतभाई वाला (गुजरात), ममता अहर (छत्तीसगढ़), ईश्वर चंद्र नायक (ओडिशा), बुद्धदेव दत्ता (पश्चिम बंगाल), मिमी योशी (नगालैंड), नोंगमैथेम गौतम सिंह (मणिपुर), रंजन कुमार विश्वास (अंडमान और निकोबार) से पुरस्कार विजेता शिक्षकों में शामिल हैं। इन शिक्षकों द्वारा अपनाई गई नवीन शिक्षण-प्रशिक्षण प्रथाओं के कारण उन्हें इस साल राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया।

 

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