सरकारी बैंकों को मिलने वाली पूंजी 2018-19 में बढ़कर हुई 1 लाख करोड़ रुपये।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से यह खबर वैसे समय में दी है जब सरकार ने गुरुवार को संसद से 85,948 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की मंजूरी मांगी है, जिसमें चालू वित्त वर्ष के दौरान कमजोर सरकारी बैंकों के पूंजीकरण के लिए दी जाने वाली 41,000 करोड़ रुपये की रकम शामिल है।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : सरकार चालू वित्त वर्ष में बैंकों को दी जाने वाली पूंजी की मात्रा बढ़ाकर 1.06 लाख करोड़ रुपये कर सकती है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से यह खबर वैसे समय में दी है जब सरकार ने गुरुवार को संसद से 85,948 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की मंजूरी मांगी है, जिसमें चालू वित्त वर्ष के दौरान कमजोर सरकारी बैंकों के पूंजीकरण के लिए दी जाने वाली 41,000 करोड़ रुपये की रकम शामिल है। गुरुवार को एक दिन पहले आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा था कि सरकार बैंकों के पूंजीकरण के लिए अतिरिक्त रकम की मांग कर सकती है। इस साल में अब तक बैंकों को 65,000 करोड़ रुपये के पूंजीकरण की अनुमति दी जा चुकी है। गौरतलब है कि 2017 में सरकार ने बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की थी। सरकार की तरफ से दी जाने वाली पूंजीगत सहायता 20 सरकारी बैंकों को मार्च 2019 तक दी जानी है ताकि वह वैश्विक मानकों के मुताबिक नियामकीय पूंजी के स्तर को पूरा कर सकें। इसमें से 58,000 करोड़ रुपये की राशि बैंकों को वित्तीय बाजार से जुटानी थी, लेकिन बैंक ऐसा करने में नाकाम रहे हैं। इसलिए सरकार को अतिरिक्त रकम जुटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। सरकार के इस फैसले के बाद बैंकिंग शेयरों पर दबाव देखा जा रहा है। निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स जहां गिरावट में ट्रेड कर रहा है वहीं एसएंडपी बीएसई का बैंकिंग इंडेक्स करीब 100 अंकों की गिरावट के साथ काम कर रहा है। बीएसई के बैंकिंग इंडेक्स में एसबीआई, पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं।

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