साल 2035 तक देश में होंगे 200 एयरपोर्ट, केन्द्र सरकार ने बनाई योजना

वर्ष 2035 तक देश में एयरपोर्ट की संख्या 200 हो जाएगी

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : भारत में विमानन क्षेत्र तेजी से पांव पसार रहा है। इस क्षेत्र में अगर ऐसी ही रफ्तार बरकरार रही तो वर्ष 2035 तक देश में एयरपोर्ट की संख्या 200 हो जाएगी। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 15 वर्षों की कार्ययोजना तैयार की है। हालांकि सरकार की सबसे बड़ी चिंता इस क्षेत्र में विस्तार के साथ, इसकी सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने पर है।केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की ओर से विज्ञान भवन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा संगोष्ठी आयोजित की गई। दो दिवसीय इस आयोजन में यह निर्णय लिया गया कि विमान क्षेत्र की बेहतर सुरक्षा के साथ ही इसमें नई तकनीक का प्रयोग किया जाए। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु सहित नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने शिरकत की।जयंत सिन्हा ने कहा कि इस क्षेत्र के समुचित विकास के लिए सरकार अगले 15 वर्ष की योजना तैयार कर रही है। 2035 तक देश में एयरपोर्ट की संख्या 200 तक हो जाएगी। इन एयरपोर्ट और विमानों की सुरक्षा के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी के प्रयोग की जरूरत होगी। यह निवेशकों के लिए भी एक बड़ा अवसर पैदा करेगा।वहीं केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत में जहां लगातार हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। वहीं, विमान क्षेत्र की सुरक्षा भी एक चुनौती के रूप में उभरी है। इससे हमें पार पाना होगा। इसके लिए जरूरी है कि विमानन क्षेत्र में नई तकनीक का प्रयोग कर इसकी सुरक्षा मजबूत की जाए। यही नहीं यात्रियों को ज्यादा सुविधा मिले, इसका भी ख्याल रखना होगा।कार्यक्रम के दौरान सीआइएसएफ के महानिदेशक राजेश रंजन ने संगोष्ठी की सफलता पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों ने राय व्यक्ति की कि हवाई यात्रा सुरक्षित हो। इसके लिए जो भी बेहतर हो उसकी ओर अग्रसर होना होगा। निरंतर विकास और नवीनतम तकनीक के लिए सीआइएसएफ कर्मियों को भी लगातार प्रशिक्षित करने की जरूरत है।गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा संगोष्ठी 2018 का शुभारंभ केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। इस अवसर पर उन्होंने विमानन सुरक्षा के लिए सभी पहलुओं पर ध्यान देने पर जोर दिया था। सीआइएसएफ के प्रवक्ता हेमेंद्र सिंह ने बताया कि दो दिवसीय इस कार्यक्रम में अलग-अलग विषय पर सात सत्र रखे गए थे। इसमें देश सहित विदेश के 300 विमानन क्षेत्र के प्रतिभागियों ने विचार विमर्श किया। इसमें कई महत्वपूर्ण चीजें सामने आईं। इसके अपनाने से विमानन क्षेत्र और सुरक्षित होगा।

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