(एनएलएन मीडिया-न्यूज़ लाइव नाऊ) अंतर-धार्मिक विवाह करने के बाद चर्चा में रहीं हादिया जहां को सुप्रीम कोर्ट ने अपने पति के साथ रहने की इजाज़त दे दी है। हादिया जहां हिंदू परिवार में जन्मीं थीं लेकिन इस्लाम धर्म अपनाने के बाद उन्होंने एक मुस्लिम शख़्स शफ़िन जहां से शादी कर ली थी। उनके परिवार का आरोप था कि हिंदू विरोधी साज़िश के तहत उनकी बेटी का मानसिक परिवर्तन किया गया। इसके बाद वह शादी ख़ारिज करने के लिए निचली कोर्ट गए थे। अब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फ़ैसले को ख़ारिज करते हुए उनकी शादी को बरक़रार रखा है। रूढ़िवादी भारतीय परिवारों में हिंदू और मुस्लिमों के बीच शादी की निंदा की जाती रही है। कट्टर हिंदू समूह ऐसी शादियों को ‘लव जिहाद’ कहते हैं। उनका आरोप है कि मुस्लिम पुरुष बहकाकर हिंदू महिलाओं को फंसाते हैं और उनका धर्म परिवर्तन कर देते हैं। मुस्लिम धर्म स्वीकारने से पहले हादिया जहां अखिला अशोकन नाम से जानी जाती थीं। हादिया का कहना है कि उन्होंने अपनी मर्ज़ी से इस्लाम धर्म अपनाया है। हादिया और उनके पति ने केरल हाईकोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने उनकी शादी को ख़ारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एक स्वतंत्र जांच के आदेश दिए हैं।