(एनएलएन मीडिया-न्यूज़ लाइव नाऊ) : मोरनी के एक गेस्ट हाऊस में 22 वर्षीय महिला से चार दिन तक 40 लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने रविवार को साहब सिंह नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। इससे पहले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में अब तक चार पुलिसकर्मियाें को निलंबित किया जा चुका है। आरोप है कि 40 लोगों ने महिला को खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर दे दिया जाता था और फिर 9 से 10 व्यक्ति रोज उससे सामूहिक दुष्कर्म करते थे। मामले के खुलासे के बाद हड़कंप मच गया और इस पर राजनीति भी गर्मा गई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस पर ट्वीट किया। मामले का खुलासा तब हुआ, जब महिला किसी तरह वहां से बचकर भागी और अपने पति को फोन कर सारी कहानी बयां की। महिला ने बताया कि वह किसी तरह बस से पंचकूला पहुंची और वहां से पति उसका पति उसे महिला पुलिस थाने ले गया। लेकिन, वहां पर पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई और उसे मनीमाजरा भेज दिया गया। युवती ने मनीमाजरा पुलिस को पूरी घटना बताई। चंडीगढ़ पुलिस ने केस दर्ज करके लवली रिजॉर्ट के मालिक एवं मैनेजर को गिरफ्तार कोर्ट में पेश करके न्यायिक हिरासत मेें भेज दिया। मामला पंचकूला के अधिकार क्षेत्र का होने के कारण चंडीगढ़ पुलिस ने शुक्रवार को केस पंचकूला ट्रांसफर कर दिया। पंचकूला में केस ट्रांसफर होते ही पुलिस कमिश्नर चारु बाली ने तीन पुलिस कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और मामले की जांच के लिए एसीपी अंशु सिंगला की अगुवाई एसआइटी बना दी। मनीमाजरा निवासी महिला पीड़ित महिला ने पुलिस को दिए 164 के बयान में बताया है कि लवली गेस्ट हाउस का मालिक सुनील सन्नी उसके पति का जानकार था। सन्नी ने उसके पति को कहा था कि उसे रायपुररानी की तरफ काम के लिए महिला की जरुरत है। इसके बाद पति ने सन्नी को उसकी पत्नी को काम पर रखने के लिए कहा था। 15 जुलाई को वह पत्नी को रामगढ़ ले गया था, जहां से आगे होटल मालिक सुनील उसे कार में बैठाकर फार्म हाऊस ले गया। महिला के अनुसार, उस रात उसने खाने में कुछ नशीली दवाई मिला दी थी। जिसके बाद 15, 16, 17 व 18 जुलाई तक पहले सन्नी और उसके बाद उसके दोस्तों ने बारी-बारी से उससे दुष्कर्म किया। रोजाना उसके साथ 10 से 12 लोग दुष्कर्म करते थे। 16 जुलाई को उसने अपने पति को इस बारे में बताने की कोशिश की, लेकिन सन्नी ने उसके मोबाइल को छीन लिया था। पति भी जब महिला को फोन करता था, तो वह रोती थी, लेकिन आरोपितों के डर के कारण कुछ नहीं कह पाती थी। सन्नी इस दौरान महिला से फोन छीन लेता था। इसके बाद पति ने आरोपित सुनील को फोन किया तो वह बार-बार फोन काट देता था और फिर फोन ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। पति ने फिर सुनील को फोन करके कहा कि इसे भेज दो तो वह उसे धमकियां देने लगा। आरोपित महिला को नशे के इंजेक्शन देने की धमकी देता था, उसके खाने में नशा मिलाकर बेहोश कर देते थे। महिला के अनुसार 15 से 18 जुलाई तक उससे रोजाना अलग-अलग लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। जब उसने कुछ आरोपितों को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि वह पुलिस वाले हैं। कभी 10, तो कभी 11 लोग सामूहिक दुष्कर्म करते थे। 18 जुलाई को महिला ने अपने पति को फोन पर कहा कि वह बहुत तंग है और यहां नहीं रुकना चाहती। महिला ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह 18 जुलाई की रात को वह वहां से किसी तरह भाग गई और उसके बाद अपने पति को कॉल कर इस बारे में बताया था। पति ने बताया कि जब उसकी पत्नी का कॉल आया, तो वह पंचकूला बस स्टैंड पहुंचा और वहां से उसे लेकर सेक्टर-5 महिला पुलिस थाने ले गया। पीड़िता के अनुसार, जब उसने कुछ आरोपितों को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि कि वे पुलिसवाले हैं। महिला के पति ने अपने बयान में कहा है कि लवली गेस्ट हाउस के मालिक सुनील सन्नी ने कहा था कि उसे रायपुररानी की तरफ सफाई के लिए एक महिला की जरूरत है। उसके बाद उसने पत्नी को ही काम करने के लिए भेज दिया। सुनील ने कहा था कि उसके रहने खाने का प्रबंध भी हमारा होगा। पर आरोपित सुनील युवती को फार्म हाउस की बजाय मोरनी के लवली गेस्ट हाउस ले गया। वहां से उसे नशे के इंजेक्शन देने की धमकी दी जाती। उसके खाने में नशा मिलाकर बेहोश कर देते थे। पति ने बताया कि वह पत्नी पंचकूला बस स्टैंड से लेकर सेक्टर 5 थाना पहुंचा तो उसे मौके पर एक महिला एएसआइ मिली थी, जिसे सारी वारदात की जानकारी दी। इसके बाद उसकी मोबाइल पर एक अधिकारी से बात करवाई गई। इसके बाद उसे कहा गया कि तुम्हारा केस मनीमाजरा में हैंडल होगा। हमें यहां करीब तीन से चार घंटों तक इंतजार भी करवाया गया, लेकिन एक कॉल के बाद जाने के लिए बोल दिया गया। पीड़िता जब पंचकूला के सेक्टर 5 पुलिस थाने पहुंची तो वहां कोई पीसीआर उपलब्ध नहीं थी। इसका खुलासा महिला कर्मचारी के वाट्सएप मैसेज से हो रहा है। जब कंट्रोल रूम ने महिला थाने की पुलिस को पीसीआर उपलब्ध न होने की बात कही थी। पंचकूला के डीसीपी राजेन्द्र कुमार मीणा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपितों के प्रोडक्शन वारंट की अनुमति ले ली गई है। सोमवार को इन आरोपितों को पंचकूला पुलिस लेकर आएगी। उन लोगों के नामों का भी खुलासा हो सकता है, जिन्होंने खुद को पुलिसवाला बताकर युवती से दुष्कर्म किया था। बस स्टेंड आने पर पति ने पत्नी को कहा कि चलो महिला थाने में शिकायत दर्ज करवाते हैं, परंतु महिला ने कहा कि मुझे चक्कर आ रहे हैं, पहले दवाई दिलवा दो। उसे वह नागरिक अस्पताल सेक्टर 6 ले गया। जहां पर महिला ने सारी बात बता दी। डॉक्टरों ने पुलिस को बुलाने के लिए कहा। पति ने 100 नंबर पर फोन किया, तब भी कोई नहीं आया। इसके बाद पुलिस ने कह दिया कि तुम्हारा केस मनीमाजरा में बनता है। पीड़ित महिला पति के साथ मनीमाजरा थाने पहुंची, जहां पर सारी बात बताई। चंडीगढ़ पुलिस ने तुरंत केस दर्ज करके लवली गेस्ट हाउस पर रेड मारी और आरोपित सुनील, मैनेजर अवतार को गिरफ्तार कर लिया। जिन्हें बाद में कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बाद में केस को पंचकूला पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया। दूसरी ओर, पूरे मामले में महिला पुलिस थाना प्रभारी पर भी सवाल उठ गए हैं और उन पर लापरवाही बरते जाने आरोप लग रहा है। महिला थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली पर निलंबित एएसआइ सरस्वती ने सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। सरस्वती के कुछ मोबाइल फोन के स्क्रीन शॉट्स भी वायरल हुए हैं, जिसमें स्पष्ट है कि उन्होंने महिला थाना प्रभारी राजेश कुमारी को मैसेज करके शिकायत आने के बारे में जानकारी दे दी थी। इसके बाद थाना प्रभारी ने ही मामले को मनीमाजरा पुलिस के पास भेजने के लिए कह दिया था। साथ ही मनीमाजरा एसएचओ का नंबर भी पंचकूला महिला एसएचओ ने सरस्वती को वाट्सएप कर दिया था। वहीं, राजेश कुमारी का कहना है कि यदि कोई बात है, तो सरस्वती मेरे सीनियर्स को बताए, चुप क्यों है? एएसआइ सरस्वती ने अपने वाट्सएप पर महिला थाना की एसएचओ के साथ हुई बातचीत को दिखाया है, एक शिकायत भी दी है। सरस्वती ने कहा है, जब मैंने महिला थाना एचएचओ राजेश कुमारी को सारी जानकारी दे दी थी, तो मुझे क्यों सस्पेंड किया गया है। सरस्वती ने इस केस की जानकारी महिला थाना एसएचओ राजेश कुमारी को दी थी, लेकिन एसएचओ राजेश कुमारी ने मनीमाजरा (चंडीगढ़) पुलिस से बात करने की बात कही थी। सामूहिक दुष्कर्म मामले में जांच के लिए एसआइटी गठित की गई है। एसआइटी में एसीपी अंशु सिंगला, एसएचओ थाना चंडीमंदिर, क्राइम इंचार्ज सेक्टर-26 को शामिल किया गया है, साथ ही महिला थाना प्रभारी राजेश कुमारी को शामिल किया गया है, जिन पर एएसआइ ने आरोप लगाया है कि उन्होंने ही केस को मनीमाजरा भेजने के लिए कहा था। डीसीपी राजेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि अपनी ड्यूटी के प्रति कोताही बरतने पर अभी तक चार मुलाजिमों को सस्पेंड किया गया है। इस मामले में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उसे बख्शा नहीं जाएगा। महिला थाना सेक्टर-5 एसएचओ द्वारा बरती गई लापरवाही पर डीसीपी ने कहा कि जांच चल रही है, अगर महिला थाना एसएचओ जांच में दोषी पाई गई, तो उनके ऊपर भी गाज गिर सकती है।