(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : आधार का डाटा अब अभेद्य होगा। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआइडीएआइ) ने अब दो तरह के आधार शुरू कर दिए हैैं। पहला आधार मास्क्ड है, दूसरा रेग्युलर। मास्क्ड यानी मास्क चढ़ा हुआ, यानी कुछ चीजें छिपी हुई। इसमें आठ अंक अदृश्य होंगे, सिर्फ चार ही दिखेंगे। इसी कार्ड में 16 अंक वाली वर्चुअल आइडी (वीआइडी) भी दर्ज होगी। यह रूटीन आधार होगा। इससे कोई निजी सूचनाएं नहीं ले सकेगा। निजी सूचनाओं से लैस होगा 12 अंक वाला रेग्युलर आधार। इसमें क्यूआर कोड भी रहेगा। कोड स्कैन करके आगे बढ़ेंगे तो पंजीकृत मोबाइल फोन नंबर पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आएगा। इसे देंगे, तभी मास्क्ड आधार में दर्ज सूचनाएं देख सकेंगे या प्रिंट ले पाएंगे। यूआइडीएआइ ने तीन दिन पहले ही यह व्यवस्था लागू की है।
मजबूत सुरक्षा
-मास्क्ड कार्ड में सिर्फ चार अंक ही दिखेंगे, बाकी आठ होंगे अदृश्य
-तीन दिन पहले लागू की व्यवस्था, रिन्यूवल पर मिलेंगे मास्क्ड कार्ड ही
-दो तरह के होंगे कार्ड, एक मास्क्ड तो दूसरा रेग्युलर
इस बदलाव की पुष्टि सरकार से आधार कार्ड बनाने का जिम्मा पाये जनसेवा केंद्र (सीएससी) संचालक करते हैैं। 15 जुलाई-17 तक यह काम निजी एजेंसियां देखती थीं, मगर ढेरों गड़बडिय़ां मिलने पर काम छीन लिया गया। हालांकि, पिछले दिनों सरकार ने आधार बनाने का जिम्मा बैंक व पोस्ट ऑफिस को दे दिया है। सीएससी से अब सिर्फ रिन्यूवल हो रहा है। सुरक्षा में सेंध फिर भी खत्म न हुई तो आधार ही दो फार्मेट के लाने पड़े। सीएससी के जिला प्रभारी विष्णुकांत गुप्ता के मुताबिक तीन दिन पहले ही साफ्टवेयर में नया बदलाव आया है। मास्क्ड आधार में 12 में से शुरू के आठ अंक की जगह क्रॉस लगा दिया गया है। हालांकि, इसे नाम-पिता का नाम या जन्म तिथि के जरिये पहले की तरह कोई भी देख सकेगा। पर, निजी सूचनाएं कतई नहीं दिखेंगी। वहीं, रेग्युलर आधार कार्ड में 12 अंक दिखेंगे। क्यूआर कोड से यह पहले से लैस है। इसका डाटा देखने के लिए कोड स्कैन के साथ आधार नंबर, धारक का नाम-पिता का नाम, पिन कोड, जन्मतिथि आदि की सटीक जानकारी देनी पड़ेगी। इसके बाद पंजीकृत मोबाइल फोन पर ओटीपी आएगा। इसे फीड करेंगे, तब निजी सूचनाएं देख सकेंगे। सबको अपने मौजूदा आधार कार्ड रिन्यू भी कराने होंगे। नया कार्ड बनवाने या रिन्यू कराने पर वर्चुअल आइडी लिखा मास्क्ड कार्ड ही मिलेगा। अब कहीं भी आधार नंबर का इस्तेमाल हुआ तो पंजीकृत मोबाइल पर तुरंत मैसेज भी आएगा।नए कार्ड हैक-प्रूफ हैैं। सूत्रों के मुताबिक कुछ ब्लैकलिस्टेड आधार ऑपरेटर किट रखे हुए हैं। ये पंजीकृत ऑपरेटर की आइडी लेकर ‘एनी डेस्क सॉफ्टवेयर के जरिये अपनी किट से कार्ड निकाल देते हैं। यह सॉफ्टवेयर पंजीकृत ऑपरेटर का सिस्टम उनके कंप्यूटर से जोड़ देता है।जिला सूचना विज्ञान अधिकारी प्रवीन सिंह ने बताया कि आधार कार्ड से जुड़ी निजी सूचनाएं गोपनीय रखने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैैं। मास्क्ड आधार पर आठ डिजिट अदृश्य कर दिए गए हैं। जितनी बार नया आधार बनेगा, हर बार नई वर्चुअल आइडी मिलेगी।स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज (एसएसआइ) के पंजीकरण की जगह उद्योग आधार ने ली है। बिना उद्योग आधार के इंडस्ट्रीज (निर्माण व सर्विस सेक्टर) के मालिक या संचालक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले सकते। जागरूकता के अभाव में जिला उद्योग एवं प्रोत्साहन विभाग में तमाम फाइलें बिना आधार के लंबित पड़ी हुई हैं। ऐसे उद्यमियों को इसकी अनिवार्यता के लिए कहा गया है। मार्च से अबतक 650 उद्यमियों ने अपने उद्योग आधार बनवाए हैं।
क्या है खास
-ऑन लाइन प्रक्रिया से बनवा सकते हैं कार्ड
-सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए है अनिवार्यता
-जिले में 15000 उद्योग आधार बनाए हैं।
-इससे मशीनरी के लिए 10 करोड़ रुपये तक का लोन ले सकते हैं।
यहां ताला-हार्डवेयर, बिजली फिटिंग आयटम व पीतल की मूर्तियों के अलावा पावर प्रेस, कृषि उपयोगी संयंत्र बनाए जाते हैं। इन उद्योगों को विकसित करने के लिए स्टार्टअप इंडिया व स्टैंडअप इंडिया के तहत लोन पर सब्सिडी भी मिलती है।वन डिस्ट्रिक, वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के तहत योगी सरकार ने ताला-हार्डवेयर का चयन किया था। हस्तशिल्पियों में लुहार को भी इस योजना में शामिल किया गया है। ताला निर्माता सतेंद्र जैन का कहना है कि उन्होंने उद्योग आधार बनवाकर अपनी फैक्ट्री को स्मार्ट बनाया है। बनारसीदास जैन कहते हैं कि वे 40 साल से ताला का निर्माण करते हैं। तीन फैक्ट्रियां हैं। आधार कार्ड बनाने के लिए ऑन लाइन प्रक्रिया की थी। घर बैठ प्रिंट निकलवा लिया। जिला उद्योग एवं प्रोत्साहन विभाग के उपायुक्त श्रीनाथ पासवान ने कहा कि बिना उद्योग आधार के किसी की फाइल पूरी नहीं मानी जाती है। सरकारी लाभ के लिए अनिवार्यता है।