(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अमृतसर के जौड़ा फाटक पर दशहरे के दौरान हुए हादसे के बाद प्रशासन के खिलाफ विरोध जारी है। रविवार को रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने उन्हें हटाने पहुंची पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर पथराव कर दिया। इसमें एक कमांडो और एक मीडियाकर्मी जख्मी हो गया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया।प्रदर्शनकारी प्रशासन पर उनकी बात न सुनने और मृतकों के आंकड़ों में हेरफेर करने का आरोप लगा रहे थे। बिहार के रहने वाले सुभाष यादव अपने 20 साथियों को तलाश रहे हैं। तीसरे दिन भी उनके बारे में कुछ पता नहीं लग पाया। शुक्रवार को हुए हादसे के बाद से यह रेलवे ट्रैक बंद था। 43 घंटे बाद रविवार को भारी सुरक्षा के बीच रेल सेवा शुरू हुई। दशहरा समारोह के दौरान यहां पुतला जलते ही भगदड़ मची थी। तभी ट्रैक पर तेज रफ्तार दो ट्रेनें गुजरीं। इनकी चपेट में आकर 59 लोगों की मौत हो गई थी। 57 जख्मी हैं। उधर, कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू घायलों का हालचाल लेने अस्पताल पहुंचे। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस हादसे के सभी पीड़ितों के सामाजिक और आर्थिक हालात की एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। यह रिपोर्ट अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को तैयार करनी है। दशहरे का आयोजन स्थानीय पार्षद ने कराया था। दशहरा कमेटी ने शनिवार को दावा किया कि कार्यक्रम की अनुमति पुलिस से ले ली गई थी। मौके पर सुरक्षा में भी कुछ पुलिसकर्मी तैनात थे। इन सब के बावजूद यह तय नहीं हो सका कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार कौन है। जीआरपी थाने में एक अज्ञात के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है।