(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : दोबारा सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार अपना पहला रक्षा सौदा अमेरिका के साथ करने वाली है। भारत अमेरिका से इस साल के आखिर तक 17,500 करोड़ रुपये के नौसेना हेलीकॉप्टर का सौदा कर सकता है। यह बात दो वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से एक अंग्रेजी अखबार ने बताई। इससे नौसेना को आधुनिक बनाया जाएगा। भारत नौसेना के एंटी सबमरीन/एंटी सर्फेस वारफेयर और सर्विलांस क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिए 24 लॉकहीड मार्टिन सिरोस्की एमएच-60 आर हेलीकॉप्टर खरीदेगा। मल्टी रोल हेलीकॉप्टर को अमेरीकी सरकार के विदेश सैन्य बिक्री (एफएमएस) कार्यक्रम के तहत खरीदा जाएगा। जिसके अंतर्गत इसे गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (सरकार-से-सरकार) बेचा जाएगा। नौसेना की महत्वपूर्ण परिचालन आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एमआरएच को सी किंग 42/42ए के स्थान पर खरीदा जाएगा। सी किंग लगभग दो दशक पहले सेवा से बाहर हो चुके हैं।
एक अधिकारी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अमेरिका से अक्तूबर-नवंबर तक यह सौदा कर लिया जाएगा। संभावना है कि सौदे पर हस्ताक्षर होने के 18 महीने बाद डिलीवरी होनी शुरू हो जाएगी और 2022 तक सभी एमएच-60आरएस भारत आ जाएंगे।’ यह हेलीकॉप्टर एजीएम-114 हेलफायर मिसाइल, एमके 54 टॉरपीडो और सटीक मारक क्षमता वाले सिस्टम रॉकेट से लैस होंगे। दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर को फ्रिगेट, डेस्ट्रॉयर और विमान वाहक के जरिए संचालित किया जा सकेगा।अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने अप्रैल में भारत को संभावित एमएच-60आर की बिक्री के बारे में कांग्रेस को सूचित किया था। रक्षा मामलों के विशेषज्ञ सेवानिवृत्त एडमिरल सुदर्शन श्रीखंडे ने कहा, ’24 एमआरएच कई सालों से लंबित हैं और इनके शामिल होने से नौसेना को फायदा मिलेगा। यह हेलीकॉप्टर हमारे विरोधियों के लिए चिंता का विषय होगा। हमें ऐसे और हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता है।’इसके अलावा नौसेना 111 नौसेना उपयोगिता हेलीकॉप्टर बनाने की योजना पर भी विचार कर रही है। यह हेलीकॉप्टर भारत में रणनीतिक साझेदारी (एसपी) मॉडल के तहत बनाए जाएंगे। इनके जरिए फ्रांस के चेतक चॉपर को बदला जाएगा। इस परियोजन के लिए सोमवार से प्रतिस्पर्धी विदेशी कंपनियों की तकनीकी बोलियों को आमंत्रित किया गया है।