देश में बढ़ती जनसंख्या पर काबू करने के लिए समय-समय पर राज्य सरकारों समेत केंद्र सरकारों ने भी कई अहम कदम उठाए हैं। इन दिनों बीजेपी शासित असम राज्य में जनसंख्या को काबू करने के लिए पारित किया गया एक विधेयक लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। जी हां, असम विधानसभा में हाल ही में एक विधेयक पारित हुआ है, जिसके तहत 2 से ज्यादा बच्चे वालों को न तो सरकारी नौकरी मिलेगी और न ही वो राज्य में किसी तरह के चुनाव लड़ पाएगा।
दरअसल, इस विधेयक में कई और प्रस्ताव भी हैं जो जानने काफी जरुरी हैं। अब इस विधेयक के मुताबिक, यदि राज्य सरकार का कोई कर्मचारी अपने माता-पिता या दिव्यांग भाई-बहनों की देखभाल नहीं करता है तो उसकी सैलरी से 10 फीसदी का हिस्सा काटकर उन माता-पिता या दिव्यांग भाई-बहनों को दिया जाएगा, जिससे की उनकी देखभाल की जा सकेगी। इन सबके बीच जो विधेयक की अहम बात है वो यही है कि जिस किसी के पास 2 से ज्यादा बच्चे होंगे उसे न तो सरकारी नौकरी दी जाएगी और न ही वो कोई स्थानीय चुनाव लड़ सकता है। सीधे तौर पर यह बदलाव असम सरकार की नई जनसंख्या नीति के तहत किया गया है। इस विधेयक को असम विधान सभा में बीते शुक्रवार को इस विधेयक को लंबी बहस के बाद पारित किया गया है।
असम सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने संबंधित विधेयक को विधानसभा में पेश करते हुए कहा कि राज्य की सेवा शर्तों को जल्द ही नए कानून के हिसाब से बदला जाएगा। राज्य सरकार के इस विधेयक के पारित होने के बाद असम के सभी सरकारी कर्मचारियों पर ‘दो बच्चों’ की नीति लागू हो जाएगी।
आपको बता दें कि फिलहाल असम में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली सरकारी है। यहां बीजेपी पहली बार सत्ता में आई है। मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने सदन में कहा कि राज्य की नई जनसंख्या नीति जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से मांग करेगी कि विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए भी ऐसा कानून बनया जाए, जिससे जिनके दो बच्चों से ज्यादा हों वो विधायक का चुनाव नहीं लड़ सकें।