असम में बोले PM मोदी- हमारे लिए देश का हर कोना दिल्ली है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर असम दौरे पर हैं. यहां उन्होंने ब्रह्मपुत्र की सहायक लोहित नदी पर बने देश के सबसे बड़े पुल का उद्घाटन करने के साथ धेमाजी में कृषि अनुसंधान केंद्र की आधारशिला रखी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी होनी चाहिए. अब धीरे-धीरे बढ़ने का समय नहीं है.

असम में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए पूरा देश एक समान है, देश का हर कोना उनके लिए दिल्ली के बराबर है. इसलिए वो चारों ओर विकास में विश्वास रखते हैं. पीएम की मानें तो सरकार का उद्देश्य योजनाओं का लाभ अंतिम शख्स तक पहुंचाना है.

पीएम ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश बदलाव की राह पर तेजी से बढ़ रहा है. आज लोगों में सरकार के प्रति विश्वास जगा है और यही हमारी कामयाबी है. लोगों को लग रहा है कि ये सरकार उनके लिए है और इसी वजह से वो अपना साथ भी दे रहे हैं. एक वक्त था देश में जब चारों तरह निराशा का माहौल था, लोग परेशान थे. आज भारत ही नहीं दुनियाभर में देश का सम्मान बढ़ा है, हमें भारतीय होने का गर्व महसूस होता है.

यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यह न सिर्फ असम, नॉर्थ ईस्ट बल्कि पूरे हिंदुस्तान के ग्रामीण जीवन का भाग्य बदलने वाला शिलान्यास है. भारत एक कृषि प्रधान देश है. हम ऐसे भाग्वान देश हैं कि हम सब प्रकार की ऋतु का लाभ मिलता है. जिस देश का जीवन कृषि प्रधान माना गया हो, महात्मा गांधी ने जिस देश में ग्राम राज्य से राम राज्य की कल्पना की हो, उस देश में बदले हुए युग के अनुकूल, कृषि-ग्रामीण जगत को बदलने की जरूरत है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘पुरानी पद्धित से हम यहां तक पहुंचे हैं. बीच में छोटे-मोटे प्रयास हुए हैं. चीजें जोड़ी गई हैं. अब वक्त धी-धीरे बढ़ने का नहीं है. समय ज्यादा इंतराज नहीं करता… जो विज्ञान 100 साल में नहीं बदला, वह 25 साल में बदल गया है. इसका लाभ हमारे किसानों, ग्रामीण जीवन को मिलना चाहिए.’

देश की विविधताओं को रेखांकित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है. यहां की जमीन, खेती की पद्धित, बाग-फल-फूल हर इलाके की अलग-अलग विशेषताएं है. इसलिए हमें उस क्षेत्र की विशेषताओं को ध्यान में रखकर काम करना होगा. कैसे एक हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ हमारे कृषि जीवन में आधुनिकता लाना चाहते हैं. हमने बहुत बड़ा सपना देखा है. ये सपना हिंदुस्तान के हर किसान के भाग्य को बदलने का सपना है.’

धेमांजी में इस अनुसंधान केंद्र की आधारशिला रखने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के सबसे बड़े पुल का उद्घाटन किया और खुद पुल का जायजा लेने पैदल ही निकल पड़े. पीएम मोदी ने इस पुल का नाम विश्व प्रसिद्ध लोकगायक भूपेन हजारिका के नाम पर रखने का ऐलान किया.

असम के सादिया को अरुणाचल प्रदेश के ढोला जिले से जोड़ने वाले इस पुल को बनाने में 2,056 करोड़ रुपये आई है. यह पुल 28.50 किलोमीटर लंबा है, जो कि मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक से 3.55 किलोमीटर ज्यादा है. इस पुल के बन जाने से चीन सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश तक सैनिकों और आर्टलरी को तुरंत पहुंचाने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए पुल को टैंकों के गुजरने के हिसाब से डिजाइन किया गया है.

इस पुल के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की तीन साल की उपलब्धियां गिनाईं. पीएम मोदी ने लोगों से कहा, ‘आप सब लोग अपने फोन का कैमरा ऑन कर लीजिए ताकि पता चले कि कितना बड़ा जश्न हो रहा है.’ पीएम मोदी के इस आह्वान पर लोगों ने अपने मोबाइल फोन के फ्लैश जलाकर पुल के उद्घाटन का उत्सव मनाया.

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, वर्ष 2003 में हमारे एक विधायक जगदीश भुइयां ने (पूर्व प्रधानमंत्री) वाजपेयी जी को यह पुल बनाने की गुजारिश की थी. उन्होंने मंजूरी दे दी थी. अगर अटल जी की सरकार 2004 में दोबारा चुन कर आ गई होती तो ढोला-सादिया ब्रह्मपुत्र पुल आपको 10 साल पहले मिल गया होता. अटल जी का सपना आज पूरा हुआ.’ पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि असम और अरुणांचल को जोड़ने वाला यह पुल दो राज्यों को करीब लाने के साथ ही पूर्वोत्तर में अर्थक्रांति भी लाएगा.

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