आरएसएस के गोविन्दाचार्य ने अयोध्या मामले की आगामी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग कराने की रखी मांग।

न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक संविधान पीठ ने बंद कमरे में कहा, 'विवाद को लेकर मध्यस्थता के लिए बनाई गई समिति किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। इसलिए इस मामले पर 6 अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई शुरू की जाएगी।'

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : के. एन. गोविंदाचार्य जो की बीजेपी के पूर्व नेता और आरएसएस के विचारक हैं ने अयोध्या विवाद मामले की आगामी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग कराने की मांग की है। उन्होंने इस मांग को लेकर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सोमवार को चीफ जस्टिस के सामने मेंशन किया जाएगा कि इस याचिका को जल्द सुन लिया जाए। बता दें राम जन्मभूमि विवाद में मध्यस्थता को लेकर नियुक्त की गई समिति के किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अयोध्या विवाद में 6 अगस्त से रोज सुनवाई करने का आदेश दिया है। न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक संविधान पीठ ने बंद कमरे में कहा, ‘विवाद को लेकर मध्यस्थता के लिए बनाई गई समिति किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। इसलिए इस मामले पर 6 अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई शुरू की जाएगी।’ मुस्लिम पक्षकार के वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि उनके मुवक्किल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की रिट याचिका का विरोध किया, जिसमें उन्होंने मामले पर स्पीड अप ट्रायल की बात की। रिट को लेकर धवन ने न्यायाधीशों से कड़े जवाब की मांग की। अदालत ने कहा, “हम इसे देखेंगे।” धवन ने कहा कि उन्हें मामले में बहस करने की तैयारी के लिए 20 दिनों की जरूरत होगी। उन्होंने कोर्ट से अपील की कि बहस के अंतराल की सीमा को कम नहीं किया जाए। अदालत ने इस पर कहा, ‘हम इसे देखेंगे।’ संविधान पीठ ने सुनवाई को टालने से इनकार कर दिया, और कहा कि वह धवन की आपत्तियों को सुनवाई के दौरान सुनेगी। अब यदि गोविन्दाचार्य की माँग मंजूर हो जाती है तो देश की जनता को पता चल पाएगा की आखिर अयोध्या मामले में फैसले पर इतनी देरी की वजह क्या है।

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