एसएस राजामौली की फिल्म बाहुबली 2 का इंतजार फैंस पिछले दो साल से कर रहे थे। अब जबकि यह फिल्म रिलीज हो गई है तो ऐसे में इसे देखने के लिए भीड़ सिनोमाघरों की तरफ उमड़ रही है। पहले ही दिन 100 करोड़ से ऊपर की कमाई करके इस फिल्म ने इतिहाल रच दिया है। इससे उम्मीद की जा रही है कि पहले वीकेंड में ही यह 400 करोड़ के आंकड़े को छू लेगी। इसने आमिर खान की दंगल और सलमान खान की सुल्तान को पछाड़कर एक रिकॉर्ड बना दिया है। बाहुबली को ओरिजनल में तेलुगू भाषा में बनाया गया है और बाकी सभी भाषाओं में डब किया गया है। इसके बावजूद लोगों में इसका क्रेज जबर्दस्त है। अब बहुत से लोग उम्मीद कर रहे होंगे कि बाहुबली जैसी फिल्म बॉलीवुड में भी बननी चाहिए। उनके लिए हम बताते हैं वो पांच कारण जिसकी वजह से बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी कोई फिल्म बना पाना नामुमकिन है।
बॉलीवुड 430 करोड़ रुपए नहीं खर्च कर सकता- बाहुबली द बिगिनिंग 180 करोड़ रुपए में बनी थी। वहीं बाहुबली 2 250 करोड़ रुपए में बनी है। अगर हम अपनी बड़ी बॉलीवुड फिल्मों के बजट को देखें तो इतनी बड़ी रकम कोई भी फिल्म निर्माता खर्च नहीं कर सकता है। संजय लीला भंसाली जिन्हें कि राजामौली के समकक्ष माना जाता है उनकी भी फिल्म बाजीराव मस्तानी का बजट 125 करोड़ रुपए था। अब तक सबसे मंहगी फिल्म प्रेम रतन धन पायो है जिसका बजट 180 करोड़ रुपए था।
बॉलीवुड क्टर पांच साल नहीं दे सकता- प्रभास ने बाहुबली को पांच साल का समय दिया। इन पांच सालों में उन्होंने कोई भी फिल्म साइन नहीं की। वहीं बॉलीवुड एक्टर साल में एक या फिर दो फिल्मों में नजर आते ही हैं।
बॉलीवुड फिल्मों के केंद्र में महिला किरदार मजबूत नहीं होते- बॉलीवुड में बेशक अब डियर जिंदगी, क्वीन और कहानी जैसी महिला केंद्रित फिल्में बन रही हैं लेकिन उनमें भी महिला किरदार बाहुबली की तरह मजबूत दिखाई नहीं देते हैं।
बॉलीवुड में सपोर्टिंग कास्ट को मिलता है कम समय- क्या आपने इस बात को नोटिस किया कि कटप्पा एक ऐसा किरदार है जो शुरुआत से लेकर आखिर तक नजर आता है। जहां असल लड़ाई बाहुबली और भल्लालदेव के बीच थी वहीं दूसरा पार्ट पूरी तरह से कटप्पा के इर्द- गिर्द घूमता है। वहीं राजमाता शिवगामी देवी का किरदार स्क्रिप्ट में काफी मजबूती से लिखा गया था।
बाहुबली की तरह बॉलीवुड में नहीं होती फिल्म की मार्केटिंग- बेशक बाहुबली को बड़े प्रोडक्शन हाउस ने बनाया है लेकिन जिस तरह से इसकी मार्केटिंग की गई खासतौर से दूसरे हिस्से की यह अपने आप में एक बेंचमार्क है। इसके मार्केटिंग प्वाइंट पर कई हिजनेस कॉलेज पढ़ाई कर सकते हैं।