(न्यूज़ लाइव नाउ ) उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक हथियारों का कारोबार करने वाले वसीम और काला ने वहां पर पुलिस की सख्ती के चलते उत्तराखंड की राह पकड़ी। आरोपितों ने पुलिस को बताया कि उप्र में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से वहां सख्ती बढ़ गई थी। जिसके चलते वहां पर उनकी फैक्ट्री बंद हो गई थी।
काला अपने रिश्तेदार के जरिए मंगलौर क्षेत्र में अपनी पैठ बनाना चाह रहा था। जिसके चलते इन्होंने अवैध कारोबार को खड़ा करने के लिए भट्टे पर मजदूरी करने का दिखावा भी किया। पकड़े गए आरोपितों ने पुलिस को बताया कि अवैध फैक्ट्री से बरामद पोना (बंदूक से छोटी और तमंचे से बड़ा हथियार) के आगे लाइसेंसी बंदूक भी फेल है। इस पोना हथियार के पुर्जे अलग-अलग किए जा सकते हैं। अवैध फैक्ट्री में तैयार देशी हथियार पूरी तरह से ऑटोमेटेड बनाए गए हैं। बात चाहे 315 बोर की हो या फिर 12 बोर के तमंचे की हो, दोनों ही तमंचों के हर पुर्जों को अलग-अलग किया जा सकता है। इसके लिए उसमें कुछ बटन दिए गए हैं। जिसकी मदद से उन्हें अलग किया जा सकता है। इन तमंचों पर करीब साढ़े तीन से चार हजार की लागत आती थी। इसके बाद आरोपित इन्हें पांच से छह हजार रुपये में बेचते थे। इन हथियारों को कहां खपना है, इसकी पूरी जानकारी दोनों को थी। बताया गया है कि इनसे हथियार खरीदने वाले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई लोग हैं। इनके पास से पुलिस को एक डायरी भी मिली है। जिसमें कई फोन नंबर हैं। पुलिस को आशंका है कि इन फोन नंबरों के जरिए इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।