(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की मौत के साथ ही दक्षिण की राजनीति का एक अध्याय खत्म हो गया है। मंगलवार को 94 साल की उम्र में करुणानिधि ने अंतिम सांस ली। करुणानिधि की मौत की खबर से तमिलानाडु समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। डीएमके समर्थकों में मातम पसर गया है। डीएमके समर्थक रोते-बिलखते नजर आ रहे हैं। इस बीच उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों की संख्या में नेतागण व समर्थक चेन्नई के राजाजी हॉल पहुंच रहे हैं। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चेन्नई पहुंच जाएंगे।करुणानिधि के निधन के बाद उनको दफनाने को लेकर विवाद हो गया है। दरअसल, डीएमके की मांग है कि उन्हें चेन्नई के मशहूर मरीना बीच पर दफनाया जाए और उनका समाधि स्थल भी बने। हालांकि तमिलनाडु सरकार ने मरीना बीच में उन्हें जगह देने से इन्कार कर दिया है। जिसके बाद मामला मद्रास हाई कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने डीएमके की मांग के खिलाफ हलफनामा दिया। सरकार की ओर से कहा गया है कि हमने दो एकड़ जमीन और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का वादा किया है।करुणानिधि के निधन के चलते दिल्ली व सभी राज्यों की राजधानी और पूरे तमिलनाडु में बुधवार को राष्ट्रध्वज झुका रहेगा। वहीं, कर्नाटक सरकार ने आज छुट्टी घोषित की है, जबकि 7 दिनों का राजकीय शोक मनाया जाएगा।29 जुलाई को करुणानिधि को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत नाजुक होने के कारण उन्हें आइसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। जहां सात अगस्त को उनकी मौत हो गई। अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि करुणानिधि की उम्र के हिसाब से उनके शरीर के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।बता दें कि पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि ने इसी साल तीन जून को अपना 94वां जन्मदिन मनाया था। साथ ही, 26 जुलाई को उन्होंने डीएमके की कमान संभालते हुए भी 50 वर्ष पूरे किए। इतना ही नहीं, दक्षिण की राजनीति का अहम चेहरा रहे करुणानिधि के नाम हर चुनाव में जीत हासिल करने का भी रिकॉर्ड दर्ज है। वे 12 बार विधानसभा के सदस्य रहे और वह जिस भी सीट पर चुनाव लड़े, हमेशा जीत हासिल की। 1969 में में वे पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे, इसके बाद 2003 में आखिरी बार मुख्यमंत्री बने थे।