(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : कर्नाटक की सियासत में विधायकों की खरीद-फरोख्त के मसले पर एक कथित ऑडियो क्लिप को लेकर बवाल मचा हुआ है। उस क्लिप में कथित रूप से यह भी दावा किया गया कि विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करने के एवज में स्पीकर को 50 करोड़ रुपये में खरीदा जा सकता है। यह मुद्दा मंगलवार को जब कर्नाटक विधानसभा में उठा तो स्पीकर रमेश कुमार ने अपनी तुलना ऐसी बलात्कार (रेप) पीड़िता से की जिससे बार-बार सवाल जवाब किए जाते हैं। उनका इशारा विवादित ऑडियो टेप में उनको लेकर बार-बार लगाये जा रहे आरोपों की तरफ था। उन्होंने कहा, ‘’मेरी स्थिति बलात्कार पीड़िता की तरह है। रेप एक बार होता है। यदि आप उसको वहीं छोड़ दो तो वह बीत जाता है।लेकिन यदि आप उसकी शिकायत करते हैं तो आरोपी को जेल भेजा जाता है। उसका वकील पूछता है कि आपके साथ क्या हुआ? यह कब हुआ और कितनी बार हुआ? रेप होता एक बार है लेकिन कोर्ट में आपको 100 बार इसको भुगतना पड़ता है। यही मेरी स्थिति है।’’ विवादित ऑडियो टेप इस ऑडियो टेप विवाद की सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की घोषणा की है। अध्यक्ष ने यह टिप्पणी ऑडियो क्लिप की एसआईटी जांच को लेकर विधानसभा में हो रही चर्चा के दौरान की। इस ऑडियो क्लिप में भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा को कांग्रेस-जद (एस) सरकार गिराने के कथित प्रयास में जद (एस) के एक विधायक को लुभाते हुए दिखाया गया है। कर्नाटक: कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा – हमारे 4 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया जाए एसआईटी जांच कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस सरकार ने इस ऑडियो क्लिप की जांच के लिए एसआईटी के गठन का आदेश दिया है। इसका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने विरोध किया है। येदियुरप्पा ने कहा कि मुख्यमंत्री के तहत काम करने वाली एजेंसी का इसकी जांच करना उचित नहीं होगा क्योंकि कुमारस्वामी स्वयं इसमें “पहले आरोपी” हैं। साथ ही उन्होंने मामले पर पार्टी का पक्ष साफ किया कि वे इसकी न्यायिक जांच या सदन की समिति द्वारा जांच चाहते हैं। येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, “आरोपी के स्थान पर खड़ी सरकार, मुख्यमंत्री जो प्रथम आरोपी हैं।।।उनके तहत काम करने वाली किसी भी एजेंसी द्वारा जांच करवाना उचित नहीं है। हमारे 104 विधायकों एवं राज्य के लोगों की यह इच्छा है विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने भावुक होते हुए इस घटनाक्रम की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किये जाने की ‘‘सलाह’’ दी थी क्योंकि इस मामले में उनका नाम भी घसीटा गया। इस सलाह को कुमारस्वामी ने स्वीकार कर लिया।