कश्मीर में नहीं थम रही हिंसा, एक पुलिसकर्मी और 2 प्रदर्शनकारियों की मौत

श्रीनगर। कश्मीर घाटी में आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहे और प्रदर्शनकारियों के बीच घुसे एक आतंकवादी द्वारा की गई गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। इस दौरान सुरक्षाबलों की ओर से की गई जवाबी गोलीबारी में दो प्रदर्शनकारियों की भी मौत हो गई, जबकि कम से कम एक दर्जन लोग घायल हो गए। घाटी में सातवें दिन भी कर्फ्यू जारी रहा।

दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले में एक भीड़ ने यारीपोरा पुलिस थाने पर पथराव कर दिया। इस दौरान, भीड़ की आड़ लेकर एक आतंकवादी ने पुलिसकर्मियों पर अचानक एक हथगोला फेंक दिया और इसके बाद उसने एके-47 से गोलियां बरसाईं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि छह अन्य घायल हो गए।

पुलिस ने कहा कि इस घटना के बाद भीड़ ने कुलगाम में उप-जिला कार्यालय फूंकने का प्रयास किया, जिसपर सुरक्षाबलों ने गोलियां चलाईं, जिसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि कुपवाड़ा जिले के द्रुगमुल्ला में एक अनियंत्रित भीड़ ने जुमे की नमाज के बाद सुरक्षाबलों पर पथराव किया। भीड़ को तितर-बितर करने में अक्षम सुरक्षाबलों को गोलियां चलानी पड़ीं, जिसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।

उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नाथनुसा गांव में आतंकवादियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर एक हथगोला फेंक दिया, जिसमें चार जवान घायल हो गए। श्रीनगर में शुक्रवार को हालांकि हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं घटी। जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन से निपटने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था।

व्यापक प्रदर्शन रोकने के लिए अधिकारियों ने कश्मीर घाटी के सभी 10 जिलों में कर्फ्यू लगा रखा है। हिंसक प्रदर्शनों के दौरान हुई मौतों का आंकड़ा 41 पहुंच चुका है। अधिकांश लोग दक्षिणी कश्मीर में मारे गए हैं। बुरहान दक्षिण कश्मीर का ही निवासी था। वहीं श्रीनगर की सबसे बड़ी मस्जिद जामा मस्जिद में जुमे की नमाज नहीं हुई।

घाटी के अन्य मस्जिदों में हालांकि जुमे की नमाज अदा की गई, जिसके बाद लोगों ने हिंसा में मारे गए लोगों के लिए फातिहा की विशेष नमाज अदा की। हिंसा प्रभावित घाटी के बाकी इलाकों में शांति रही, क्योंकि कर्फ्यू जारी रहा। अधिकारियों ने असामाजिक तत्वों द्वारा अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट व मोबाइल सुविधाएं बंद रखीं।

आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के आठ जुलाई को मारे जाने के बाद से लेकर अबतक सड़कों पर प्रदर्शनकारियों व सुरक्षाबलों के बीच झड़पों में 41 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। इस बीच अलगाववादी संगठनों ने बंद की अवधि सोमवार तक के लिए बढ़ा दी है। अलगाववादियों ने लोगों का आह्वान किया है कि वे नागरिकों की सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही हत्याओं के खिलाफ सड़कों पर उतरें।

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