जो भी व्यक्ति सेवा में आया है। उसे एक ना एक दिन सेवा से निवृत होना ही है। बहुत से लोग सेवा निवृति के कारण दुःखी होते है। वास्तव में यह एक हर्ष का विषय है क्योंकि बिना किसी दाग अथवा धब्बे के कबीर के शब्दों में जस की तस रख दीनी चदरिया के भाव से अपना सेवा काल पूरा कर लिया है। जीवन के सामने दूसरे प्रकार के दायित्व भी होते है। जिनका निर्वाह भी पूरी लगन और योग्यता के साथ करना होता है। इन्ही भावों के साथ शाखा डाक पाल बछूट सेवा निवृत्त हुए। इस अवसर पर बंजार उप डाक घर की 24 शाखाओं के डाक कर्मचारी शामिल हुए। सभी ने उनको शुभकामनाओं के साथ सेवा निवृत्ति की पार्टी दी। देखिये इस अवसर के कुछ चित्र।