(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में सऊदी के पांच अधिकारियों को सजा-ए-मौत की मांग की गई है। सरकारी वकील ने गुरुवार को बताया कि इस मामले में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की संलिप्तता सामने नहीं आई है।खशोगी तुर्की में रहने वाली अपनी मंगेतर हेटिस सेंगीज से निकाह करना चाहते थे। इसकी अनुमति के लिए वे 2 अक्टूबर को दस्तावेज लेने इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास गए थे, लेकिन वहां से नहीं लौटे। सऊदी अरब के नागरिक रहे खशोगी वॉशिंगटन पोस्ट के लिए लिखते थे। उनके सऊदी के शाही परिवार से अच्छे रिश्ते थे, लेकिन बीते कुछ महीनों से वे प्रिंस सलमान के खिलाफ लिख रहे थे।खशोगी के लापता होने के बाद सऊदी अरब ने पहली बार 20 अक्टूबर को पत्रकार की हत्या होने की बात कबूल की थी। 2 अक्टूबर से सऊदी के अधिकारी बार-बार दावा कर रहे थे कि खशोगी दूतावास से सही-सलामत बाहर निकले थे। हत्या कबूलने के बाद सऊदी अरब की सरकार ने कहा कि शुरुआती जांच के बाद पांच उच्च अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। वहीं, 18 को गिरफ्तार किया गया।इस मामले की सुनवाई के दौरान सऊदी अरब की तरफ से पहली बार खशोगी की हत्या का तरीका बताया गया। सरकारी वकील के प्रवक्ता ने कहा कि खशोगी को जहर देकर मारा गया था। इसके बाद उनके शरीर के कई टुकड़े कर दिए गए। पत्रकार के शरीर के टुकड़े दूतावास के बाहर एक एजेंट को सौंपे गए। प्रवक्ता ने इस बात से इनकार किया कि क्राउन प्रिंस को मामले की कोई भी जानकारी थी।प्रवक्ता ने बताया कि सऊदी अरब के खुफिया विभाग के डिप्टी चीफ जनरल अहमद अल-असीरी ने खशोगी को सऊदी लौटने का आदेश दिया था। इसे नहीं मानने पर असीरी उस टीम के साथ इस्तांबुल गए थे, जिसने खशोगी की हत्या की। सरकारी वकील ने उन पांच अधिकारियों को मौत सजा देने की अपील की, जिन्होंने खशोगी को जान से मारने का जुर्म कबूल किया। हत्या के इस मामले से संबंध रखने वाले कुल 21 अधिकारियों को हिरासत में रखा गया है। इनमें से 11 का नाम जांच के दौरान सामने आया था। वहीं, टर्की ने मामले की जांच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कराने की मांग की है। इसके अलावा खशोगी की हत्या से जुड़ी कई ऑडियो रिकॉर्डिंग टर्की पहले ही अमेरिका और पश्चिमी सहयोगी देशों के साथ साझा कर चुका है।