दिल्ली की एक अदालत ने राज्य पुलिस को आदेश दिया है कि वह बीजेपी सांसद केसी पटेल के खिलाफ लगे रेप के आरोपों की जांच करें। कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में नॉर्थ एवेन्यू के एसएचओ से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है और एक जांच अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया है।
वहीं पटेल ने कहा कि उन्हें महिला ने अपने जाल में फंसाया है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के वलसाद से सांसद पटेल पर महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने आधिकारिक निवास पर 3 मार्च को डिनर के बहाने बुलाकर बलात्कार किया। महिला ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी सांसद ने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया है। साथ ही कहा कि दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया है। महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद ने धमकी दी थी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसे भयंकर परिणाम भुगतने होंगे।
वहीं पटेल का कहना है कि महिला ने उन्हें ड्रग्स दिए और बेहोशी के बाद आपत्तिजनक स्थिति में उसकी वीडियो बना ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि महिला ने उनसे 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी और इसे नहीं देने पर उसने रेप का झूठा मामला दर्ज कराने की धमकी भी दी थी। मंत्री की शिकायत के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 384 (जबरन वसूली) के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
वहीं टीओआई की रिपोर्ट में कहा गया था कि सांसद की शिकायत के बाद पुलिस चीफ ने तुरंत एफआईआर के आदेश दिए थे। स्पेशल पुलिस कमिश्नर दीपक मीणा ने बताया था कि मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई है। अगर जरूरत हुई तो केस को क्राइम ब्रांच या स्पेशल सेल को भी सौंपा जा सकता है।
अफसर ने कहा, शुरुआती जांच में पता चला है कि महिला कथित तौर पर ब्लैकमेल गैंग चलाती है और कई असोसिएट्स के साथ काम कर चुकी है। एक जांचकर्ता ने कहा, जानकारी मिली है कि महिला सांसदों से पहले मदद मांगती है और बातों के जरिए उन्हें फंसा लेती है। इसके बाद वह चाय के लिए उन्हें अपने घर ले जाती है और फिर उनकी आपत्तिजनक स्थिति में तस्वीरें या वीडियोज बना लेती है। इसके बाद उन्हें पैसा देने या बड़ी नौकरी की मांग करती है। अगर कोई एेसा करने से मना करता है तो वह फर्जी रेप केस करने की धमकी देती है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पिछले साल एक महिला ने कथित तौर पर एक अन्य सांसद के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था। इस मामले की डिटेल भी खंगाली जा रही हैं।