असम में nrc के लागु होने के बाद से कुछ साजिशकर्ताओ ने इसे एक मुद्द्दा बना के रख दिया है। एनआरसी के प्रति कुछ लोग अनेक प्रकार की भ्रांतिया फैला रहे है। यहाँ तक की अब किसी के द्वारा की गयी आत्महत्या को भी एनआरसी से जोड़ कर देखा जा रहा है, हाल ही में असम के हनीफ नाम के ब्यक्ति की आत्महत्या को कुछ लोगों ने जबरन nrc से जोड़ दिया है। हनीफ अपनी मौत के पीछे कई सवाल छोड़ के गया है।
जिनमे सबसे पहला प्रश्न उठता है यदि वह असल में भारत का नागरिक था तो उसने क्यों दूसरे मसौदे का इंतजार नहीं किया ? असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) का पहला ड्राफ्ट जारी होते ही अजीबो-गरीब मामलों को भी अब लोग nrc से जोड़कर देख रहे है। सोमवार को एक 40 वर्षीय कैब ड्राइवर हनीफ खान ने पारिवारिक तनाव के कारण सुसाइड कर लिया। अफवाह ये फैलाई जा रही है कि उसका एनआरसी ड्राफ्ट में नहीं था इसलिए उसने ख़ुदकुशी कर ली है।
सिलचर के रहने वाले हनीफ का शव काशिपुर में एक पेड़ से लटका हुआ मिला। उसकी पत्नी रकसा खान ने बताया कि हनीफ किसी बात को लेकर कुछ दिनों से तनाव में था। पुलिस की गाड़ी को देखकर वह चोरो की तरह भागने लगता था और कई बार घबराहट के मारे तनाव में रहता था। घर से बाहर जाने में उसे इस बात से डर लगता था कि कहीं उसे पुलिस पकड़ ना ले। जब पुलिस की गाड़ी चली जाती थी तब वह घर लौटता था।
चचहर के एसपी राकेश रौशन ने बताया कि हनीफ कई दिनों से डिप्रेशन में था। उसने किस कारण से सुसाइड किया है इसकी हम जांच कर रहे हैं। हनीफ के परिवार ने अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की है।” ज्ञात हो कि असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए उनका नाम इस nrc रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। यह कदम असम में अवैध रूप से बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने के लिए किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 31 दिसंबर को पहला ड्राफ्ट जारी किया गया। इस रजिस्टर में जिन आवेदकों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं, उनकी अभी जांच चल रही है।