जब कपिल मिश्रा लगा रहे थे गंभीर आरोप, तब केजरीवाल के घर बन रहा था ये प्लान!

आम आदमी पार्टी के भीतर सियासी ड्रामा पूरे शबाब पर है. इंडिया टुडे के हाथ लगी एक्सक्लुसिव जानकारी से पता चलता है किस तरह दिन भर पार्टी के भीतर उठापटक का खेल चला. पेश है तफ्सील:

-रविवार सुबह कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल को फोन किया और बताया कि वो उनसे मिलने आ रहे हैं. विश्वास उस वक्त इंदौर में थे. दिल्ली लौटते ही वो एयरपोर्ट से सीधे अपनी पत्नी के साथ केजरीवाल से मिलने पहुंचे.

-उनके पहुंचते ही केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास बैठक के लिए अलग कमरे में गए. कुछ देर बाद संजय सिंह और आशुतोष भी बैठक में शामिल हो गए.

-कुमार विश्वास ने सबसे पहले मिश्रा की बर्खास्तगी की वजह पूछी. वो इस एक्शन से खफा थे. इस पर मनीष सिसोदिया ने पूछा कि क्या वो मिश्रा के हालिया ट्वीट्स को स्वीकार कर सकते हैं? उनके सामने एमसीडी चुनावों में हार से जुड़ी रिपोर्ट पेश की गई जिसमें करीब 50 पार्टी विधायकों ने उनके हलकों में जल संकट को हार की वजह बताया था.

-कुमार विश्वास ने माना कि कपिल मिश्रा को ट्विटर पर सवाल उठाने के बजाए पार्टी फोरम पर शिकायत करनी चाहिए थी. संजय सिंह और मनीष सिसोदिया ने कुमार विश्वास से कहा कि अगर कपिल को टैंकर घोटाले का खुलासा करना था तो वो ऐसा करन के लिए स्वतंत्र थे. लेकिन उन्हें केजरीवाल से मिलने की झूठी बात कहने की क्या जरूरत थी?

-कुमार विश्वास ने केजरीवाल से पूछा कि क्या वो इस सिलसिले में कपिल मिश्रा से मिले थे? केजरीवाल ने इस बात से इनकार किया. उनका कहना था कि वो मिश्रा के सार्वजनिक तौर पर झूठ बोलने से आहत हैं. केजरीवाल ने ये भी कहा कि पार्टी और पीएसी मानती है कि कैबिनेट में कौन रहेगा, इस बात का आखिरी फैसला सिर्फ मुख्यमंत्री कर सकते हैं.

-इस बात पर कुमार विश्वास ने जवाब दिया कि मिश्रा को भरोसे में लेकर बाद में ये फैसला लिया जा सकता था.

-इसके बाद कुमार विश्वास बैठक से चले गए. उन्होंने कहा कि वो कपिल मिश्रा से बात करेंगे. अब तक सुबह के 11 बज चुके थे.

-थोड़ी देर बाद वो केजरीवाल के घर पिछले दरवाजे से वापस लौटे .

-कुमार विश्वास के जाने के बाद गोपाल राय, सत्येंद्र जैन और दिलीप पांडे बैठक में शामिल हो गए.

– इस मौके पर कुमार विश्वास ने मीटिंग में शामिल नेताओं को बताया कि वो कपिल से बात नहीं कर पा रहे हैं.

-इसके बाद बैठक में शामिल नेताओं ने टीवी पर कपिल के आरोप सुने. मिश्रा के बयान पर सभी सकते में आ गए. बिफरे हुए विश्वास ने कहा कि वो कपिल मिश्रा के आरोपों पर कतई यकीन नहीं कर सकते.

-कुछ देर चर्चा के बाद कुमार विश्वास ने माना कि कपिल मिश्रा ने अपनी हद पार की है. मनीष सिसोदिया ने पूछा कि क्या मिश्रा का बयान अमानतुल्ला के आरोपों जितना ही संजीदा नहीं है? क्या कोई भी पार्टी नेता केजरीवाल के खिलाफ इन बेजा आरोपों पर यकीन कर सकता है?

-कुमार विश्वास मनीष सिसोदिया की बात से सहमत थे. उन्होंने कहा कि वो अमानतुल्ला के आरोपों से भी इतना आहत नहीं हुए थे. उनके मुताबिक मतभेदों के बावजूद वो केजरीवाल के बारे में ऐसी बात सोच भी नहीं सकते.

-केजरीवाल ने नेताओं से कहा कि मिश्रा के आरोपों का जवाब देने की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि वो हैरान हैं कि कपिल मिश्रा इस हद तक गिर सकते हैं.

-कुमार को सलाह दी गई कि वो इस मसले पर बयान ना दें. लेकिन कुमार विश्वास ने कहा कि इस मौके पर जरूरी है कि पार्टी एकसुर में संदेश दे. लिहाजा वो बयान देंगे.

-कुमार विश्वास ने ये भी कहा कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ लगे आरोपों पर भी संजीदगी से विचार होना चाहिए. उनकी राय में पार्टी और लीडरशिप किसी ऐसे नेता का बचाव करते हुए नजर नहीं आ सकती जिसपर भ्रष्टाचार का जरा भी दाग हो. उन्होंने सत्येंद्र जैन से कहा कि वो पीएसी की अगली बैठक में अपने बचाव में दस्तावेज पेश करें. इसके बाद सत्येंद्र जैन के बारे में आखिरी फैसला होगा.

-पार्टी नेता इस बात पर एकमत थे कि कपिल मिश्रा ने अपनी हदें लांघी हैं. लेकिन उनपर कार्रवाई के बारे में कोई बात नहीं हुई.

– इस मौके पर कुमार विश्वास जज्बाती हो गए. उन्होंने दोहराया कि चाहे कुछ भी हो जाए वो ये यकीन नहीं कर सकते कि केजरीवाल भ्रष्ट हैं.

-कुमार विश्वास ने ये भी कहा कि अगर समर्थकों को ये लगता है कि पार्टी के भीतर धड़े एक दूसरे पर वार कर रहे हैं तो ये आत्मघाती होगा. इसलिए नेतृत्व में एकराय कायम होने तक किसी के भी खिलाफ एक्शन नहीं होना चाहिए.

-संजय सिंह ने कुमार विश्वास से पूछा कि कपिल मिश्रा ये क्यों नहीं बताते कि उन्होंने कब केजरीवाल को 2 करोड़ रुपये लेते देखा था? उनकी राय में सीसीटीवी फुटेज से इस बात की तस्दीक होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मिश्रा को बताना चाहिए कि सत्येंद्र जैन से केजरीवाल के कौन से रिश्तेदार को जमीन के सौदे में मदद की है. उन्होंने आरोप लगाया कि मिश्रा पार्टी को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं. कुमार विश्वास ने दोहराया कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

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