(न्यूज़ लाइव नाऊ) चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डोकलाम चीन का हिस्सा है और चीन वहां पर सड़क बना रहा है जो पूरी तरह से जायज़ है। इसकी जानकारी चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बीजिंग में संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी। दरअसल, हाल में कई मीडिया रिपोर्ट्स में सैटलाइट से मिली ऐसी तस्वीरें छापी गई हैं जिनमें पता चल रहा है कि चीन इस विवादित इलाक़े के नज़दीक एक बड़ा सैन्य कांप्लैक्स बना रहा है। जहां पर कंस्ट्रकशन की गतिविधि चल रही है वो जगह डोकलाम की उस जगह से काफ़ी नज़दीक हैं जिसको लेकर बीते साल भारत और चीन की सेनाएं आमने सामने संगीने चढ़ा कर तैनात हो गई थीं। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि विवादित स्थान में कुछ भी नहीं हो रहा है, लेकिन इसे लेकर भारतीय राजनीतिक पार्टियां चिंता ज़रूर जता रही हैं। शुक्रवार को बीजिंग में हुए एक संवाददाता सम्मेलन में लू कांग ने इस मामले में किए गए सवाल के उत्तर में कहा, “मैंने भी ये रिपोर्ट देखी हैं और मुझे आश्चर्य है कि ये तस्वीरें किसने मुहैया करवाईं।” उन्होंने डोकलाम मुद्दे पर चीन के रवैये पर स्पष्ट तौर पर कहा, “डोकालाम चीन का हिस्सा है और हमेशा से चीन के अधिकार क्षेत्र में रहा है, इस बारे में कोई संदेह नहीं है।” “चीन इस इलाक़े में बुनियादी ढांचा बनने के लिए निर्माण गतिविधियां चला रहा है जैसे कि वहां रह रहे लोगों और सैनिकों के लिए सड़क बनाना। ये पूरी तरह से वैध है और क़ानून के दायरे में है क्योंकि हम अपने इलाक़े में हमारे सार्वभौमिक अधिकारों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।” “अगर भारत ने अपने इलाके में कोई निर्माण गतिविधि शुरू की तो चीन उस पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा। हम उम्मीद करते हैं कि चीन की जायज़ गतिविधियों पर कोई और देश बेतुके बयान नहीं देगा।”बीते साल अगस्त के आख़िर में सिक्किम के पास डोकलाम (भारत में इस विवादित इलाके को डोकलाम कहा जाता है जबकि चीन इसे डोका ला कहता है) में भारत और चीन ने अपने अपने सैनिकों को वापस बुलाने का फ़ैसला लिया था। इससे पहले लगभग 73 दिन तक यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। बीते साल जून में रॉयल भूटान आर्मी ने डोका ला के डोकलाम इलाक़े में सड़क बना रहे चीनी सैनिकों को रोका। उसके कुछ दिन बाद चीन ने भारतीय सेना पर सड़क निर्माण में बाधा का आरोप लगाया और दावा किया गया कि सड़क निर्माण का काम उसके अपने इलाक़े में हो रहा है। बाद में मीडिया में जानकारी आई कि भारत और चीन ने उस जगह पर सैनिकों की तैनाती की जहां सिक्किम-भूटान-तिब्बत की सीमाएं मिलती हैं। बाद में सहमति बनने पर दोनों देशों ने अपना सेनाएं इस इलाक़े से पीछे कर ली थीं। इसके बाद बीते कुछ दिनों से डोकलाम का मुद्दा फिर चर्चा में आया और चिंता जताई जाने लगी कि एक बार फिर से दोनों देशों में तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि भारतीय सीमा सुरक्षा बल के सैनिक ग़ैरक़ानूनी तरीके से हमारे इलाक़े में घुस आए थे और भारतीय सेना के आला अधिकरियों ने भी इस बात को माना था। इस कारण भारत-चीन संबंध में तनाव आ गया था। ‘उम्मीद है कि भारतीयों ने इससे अपना सबक ले लिया होगा और इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी। बीते साल शियामेन में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों देश आपसी संबंध बेहतर बनाने पर राज़ी हुए हैं।’ ‘हमें उम्मीद करते हैं कि भारत इस दिशा में आगे बढ़ेगा और दोनों देश साथ मिल कर सीमा के इलाक़े में शांति और स्थिरता बनाए रखेंगे और साथ ही चीन-भारत संबंधों में और सुधार होगा।’