(एनएलएन मीडिया-न्यूज़ लाइव नाऊ) : तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पिछले एक महीने से वेदांता की स्टरलाइट कॉपर यूनिट को बंद करने की मांग को लेकर हो रहा प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि स्टरलाइट कॉपर यूनिट की वजह से क्षेत्र में भूजल प्रदूषित हो रहा है।पुलिस सूत्रों ने बताया कि करीब 20 हजार प्रदर्शनकारी स्टरलाइट कॉपर यूनिट की तरफ बढ़ने लगे, लेकिन पुलिस द्वारा रोके जाने पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिस के वाहनों को पलट दिया। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी वाहनों को आग के हवाले भी कर दिया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।इसके बाद पुलिस की कार्रवाई में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में तनाव का माहौल है।तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के। पलानीस्वामी ने हिंसा में जान गंवाने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को तीन-तीन लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। साथ ही पुलिस कार्रवाई में मारे गए लोगों के परिवार के एक-एक सदस्य को योग्यता के अनुसार नौकरी देने का भी आश्वासन दिया है।मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग गठित किया जाएगा। हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मामले की जांच करेंगे।उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी क्षेत्र में निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर कलेक्ट्रेट की तरफ जुलूस निकाल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव ही नहीं किया, बल्कि उनके वाहनों और कलेक्ट्रेट में खड़े वाहनों को भी आग लगा दी। पलानीस्वामी के पास गृह मंत्रालय भी है।मुख्यमंत्री ने कहा , ‘पुलिस को लोगों के जान-माल की रक्षा के लिए अपरिहार्य परिस्थितियों में कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि प्रदर्शनकारी बार-बार हिंसा कर रहे थे। पुलिस को हिंसा रोकनी थी।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जानकार दुख हुआ कि इस घटना में दुर्भाग्यवश कई लोग मारे गए।’वहीं, पुलिस का कहना है कि मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर स्टरलाइट कॉपर यूनिट को सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई थी।रैली निकालने की अनुमति न मिलने पर प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा कर्मियों को खदेड़ने की कोशिश की और नारेबाजी करने लगे। पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया और वाहन को पलट दिया।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलिस कार्रवाई में लोगों के मारे जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में स्टरलाइट प्रदर्शन में पुलिस कार्रवाई में लोगों की मौत राज्य प्रायोजित आतंकवाद का बर्बर उदाहरण है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘तमिलनाडु में स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लोगों को मार दिया। यह सरकार प्रायोजित आतंकवाद की बर्बर मिसाल है।’मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजातमिलनाडु के मुख्यमंत्री के। पलानीस्वामी ने हिंसा में जान गंवाने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को तीन-तीन लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। साथ ही पुलिस कार्रवाई में मारे गए लोगों के परिवार के एक-एक सदस्य को योग्यता के अनुसार नौकरी देने का भी आश्वासन दिया है।मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग गठित किया जाएगा। हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मामले की जांच करेंगे।उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी क्षेत्र में निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर कलेक्ट्रेट की तरफ जुलूस निकाल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव ही नहीं किया, बल्कि उनके वाहनों और कलेक्ट्रेट में खड़े वाहनों को भी आग लगा दी। पलानीस्वामी के पास गृह मंत्रालय भी है।मुख्यमंत्री ने कहा , ‘पुलिस को लोगों के जान-माल की रक्षा के लिए अपरिहार्य परिस्थितियों में कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि प्रदर्शनकारी बार-बार हिंसा कर रहे थे। पुलिस को हिंसा रोकनी थी।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जानकार दुख हुआ कि इस घटना में दुर्भाग्यवश कई लोग मारे गए।’वहीं, पुलिस का कहना है कि मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर स्टरलाइट कॉपर यूनिट को सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई थी।रैली निकालने की अनुमति न मिलने पर प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा कर्मियों को खदेड़ने की कोशिश की और नारेबाजी करने लगे। पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया और वाहन को पलट दिया।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलिस कार्रवाई में लोगों के मारे जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में स्टरलाइट प्रदर्शन में पुलिस कार्रवाई में लोगों की मौत राज्य प्रायोजित आतंकवाद का बर्बर उदाहरण है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘तमिलनाडु में स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लोगों को मार दिया। यह सरकार प्रायोजित आतंकवाद की बर्बर मिसाल है।’