(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : मजहब के नाम पर हिन्दुस्तान में दहशत फैलाने के लिए, कत्लेआम मचाने के लिए इस्लामिक कट्टरपन्थी नित नए तरीके अपना रहे हैं। बाकायदा बैठकें कर, एक तरह से कोचिंग देकर आतंक के आका मजहबी उन्माद फैलाने की तालीम दे रहे हैं। हिंदुस्तान को लहूलुहान करने के लिए प्रतिबंधित संगठन दर्श–ए–कुरान और अल–एहदीद ने प्रदेश में कई बैठकें की। इनमें युवाओं के शामिल होने की सूचना ने खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है।मध्य प्रदेश के इंदौर में इनकी बैठकों में सूबे के 35 मुस्लिम युवाओं ने शिरकत की है। देश की सुरक्षा एजेंसी इनकी हर चहलकदमी की गोपनीय मॉनिटरिंग करा रही है। स्क्रूटनी के लिए तकनीक का सहारा लिया है। हर फुट प्रिंट की स्कैनिंग कराई जा रही है। रडार पर ऐसे युवा हैं, जो तकनीकी पढ़ाई कर रहे हैं और दर्श–ए–कुरान की तीन बैठकों में शिरकत कर चुके हैं। इससे पहले दर्श ए कुरआन की बैठकों से तालीम प्राप्त लोग इस्लामिक आतंकी दलों से जुड़े हैं तथा हिंदुस्तान में तबाही मचाने की कोशिशें की हैं। इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का संस्थापक अबू फैजल इंदौर में मेडिकल का छात्र था। दर्श–ए–कुरान की बैठक में शिरकत करने के कारण अबु फैजल को सिमी आतंकी के तौर पर गिरफ्तार किया था।
जमानत मिलने के बाद अबु ने टेरर ग्रुप आईएम खड़ा कर लिया। इसने दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, उड़ीसा, यूपी, मप्र में बम धमाके करने के साथ बैंक लूटे। रतलाम में अल–ए–हदीद की बैठकों का दौर चला और इमरान ने अल सूफा के साथ–साथ आईएसएस का टेरर ग्रुप खड़ा कर लिया। हिंदूवादी संगठनों के नेताओं की हत्या की। दिल्ली आईबी की टीम ने इमरान की गोपनीय तस्दीक कराई और इस टेरर ग्रुप के सदस्यों को हिरासत में लिया। मुंबई के एहतेआम सिद्दकी ने मालवा में सिमी का नेटवर्क खड़ा किया। बैठकें इंदौर, उज्जैन, खंडवा में हुई और मुंबई में ट्रेन ब्लास्ट कराया। अब एक बार पुनः मजहबी उन्मादी ये बैठकें कर रहे हैं तो सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गये है।