दिल्ली-लेह बस सेवा के लिए HRTC का नाम लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में दर्ज

शिमला: एचआरटीसी के बस चालकों के कई जांबाजी वाले वीडियो वायरल होते रहे हैं लेकिन लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्डस में दिल्ली–लेह सेवा के लिए प्रमाण पत्र मिला है। हालांकि यह रेकॉर्ड अक्तूबर 2016 में दर्ज हो गया था लेकिन अब हिमाचल पथ परिवहन को इसका प्रमाण पत्र मिला है।

देश की राजधानी दिल्ली से लेह को सिर्फ एक बस जोड़ती है और वह बस हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम यानी HRTC की है। गर्म इलाके से लेकर जमा देने वाली ठंड भरे इलाको को जोड़ने वाली यह बस पर्यटकों की पसंद बनी हुई है। दिल्ली से लेह तक के अपने सफर में यह बस दिल्ली व हरियाणा से गुजरती हुई यूटी चंडीगढ पहुंचती है यहां से पंजाब में अपना सफर पूरा करने के बाद हिमाचल में पहुंचती है। इसके बाद जम्मू व कश्मीर में अंतिम पडाव के लिए अपनी रोचक यात्रा शुरू करती है।

हिमाचल में भी गर्म ईलाके में दाखिल होने के बाद धीरे-धीरे लेह की तरफ बढ़ती है। तापमान में मंडी के बाद फिर से गिरावट होने लगती है। आगे यह बस नाली होते हुए रोहतांग में बर्फ की सुरंगनुमा सडक़ से गुजरती है। लेह तक लगभग 1250 किलोमीटर का सफर तय करना होता है। गजब बात यह भी है कि एशिया के सबसे ऊंचे गांव किब्बर में भी रुककर आगे बढ़ती है। यह गांव लगभग 14200 फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है। इस मार्ग पर आम चालक वाहन चलाने से डरते है। लेकिन एचआरटीसी के दो चालक इस बस को दिल्ली से लेह पहुंचा देते है।

दिलचस्प बात यह है कि लेहवासी भी इस बस में खासकर मनाली तक आने में काफी क्रेजी रहते है। 30 घंटे के सफर में यात्रियों को केलांग में रात्रि ठहराव दिया जाता है। 13 हजार फीट की ऊंचाई पर रोहतांग दर्रा पार करने के बाद इस बस को बारा लाचा व तंगल दर्रा पार करना पडता है जिनकी ऊंचाई क्रमश: 16 हजार 400 फीट व 17 हजार 582 फीट है।

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