श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने धारा 370 को लेकर बीजेपी के रुख के उलट राय दी है। महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति देश की प्रतिबद्धता है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर की सीएम ने कश्मीर समस्या के हल के लिए बातचीत को इकलौता विकल्प बताते हुए पीएम मोदी से भी अपील की है।
उनका बयान ऐसे वक्त में आया है, जब 370 के साथ ही धारा 35ए को हटाने पर बहस चल रही है। इससे पहले बीजेपी ने राज्य से 370 हटाने को ही कश्मीर समस्या का इकलौता व्यावहारिक समाधान बताया था। धारा 370 राज्य को विशेष दर्जे की गारंटी देती है।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘कश्मीर मसले का एकमात्र हल बातचीत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन्हें भारी जनादेश प्राप्त है, वह जम्मू-कश्मीर की तस्वीर बदल एक नया इतिहास रच सकते हैं।’
पीडीपी प्रमुख ने अपने ट्वीट में कहा, ‘धारा 370 जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति देश की प्रतिबद्धता है और इसलिए इसका सम्मान किया जाना चाहिए।’ उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विशेष प्रावधान पर बहस चल रही है और इस धारा के साथ धारा 35ए को हटाने की मांग भी उठ रही है। यह प्रावधान जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार और सुविधाएं मुहैया कराता है।
महबूबा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘लोकतंत्र विचारधाराओं की लड़ाई है और बातचीत ही एकमात्र हल है। मैंने भी आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए पारंपरिक मार्गों को फिर से खोलने की लड़ाई लड़ी है। देश को राज्य की भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाना चाहिए और अधिक आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक मार्गों को फिर से खोलना चाहिए।’
‘370 हटाना इकलौता व्यावहारिक हल’
इससे पहले बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को हटाना और जम्मू-कश्मीर को अन्य राज्यों के बराबर लाना ही इस मुद्दे का एकमात्र व्यावहारिक हल है।
गुप्ता ने कहा था कि यह अलगाववादियों और पाकिस्तान के लिए मुंहतोड़ जवाब होगा, जो राज्य में आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर खासकर घाटी के लोगों को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने भी जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता की मांग को जायज ठहाराया था। इस बयान की तीखी आलोचना करते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के साथ अलग व्यवहार करना, उसे अपना संविधान बनाने की अनुमति देना और भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 शामिल करना जम्मू-कश्मीर की मौजूदा समस्या का मूल कारण है।