(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के मुंबई हमले को लेकर दिए बयान पर जोर-शोर से सियासत शुरू हो गई है। इतना ही नहीं मुंबई हमले पर दिए बयान के बाद पाकिस्तान में अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग जोर-शोर से हो रही है। इस संबंध में तीन प्रांतों की विधानसभाओं में एक प्रस्ताव लाया गया है। एक प्रस्ताव में तो शरीफ को गद्दार करार देते हुए फांसी देने की मांग की गई है। उन्हें गद्दार कहने में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान भी पीछे नहीं हैं। नवाज को पहले मीर जाफर बताने वाले इमरान ने अब उन्हें गद्दार तक कह डाला है। इन आरोपों पर नवाज ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि कौन देशभक्त है और कौन देशद्रोही है, इस बारे में फैसला किए जाने की जरूरत है। हमें यह पता लगाना होगा कि देश में आतंकवाद की नींव किसने रखी।उनके बयान से उनकी अपनी ही सरकार बैकफुट पर आ खड़ी हुई है। इसके बाद देश के मौजूदा प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी ने मामले को शांत करने के लिए यहां तक कहा कि नवाज के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। लेकिन नवाज शरीफ ने इसके बाद दोबारा मीडिया में साफतौर पर कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा, न ही बयान को तोड़ा और मरोड़ा गया है। नवाज ने यहां तक कहा कि उन्हें अपनी कही बात पर कोई पछतावा नहीं है और न ही वह इसके लिए माफी मांगेंगे।मुंबई हमले को लेकर नवाज ने जो बयान मीडिया में दिया है वह नया नहीं है, लेकिन यह भी दुरुस्त है कि नवाज के सत्ता में रहने पर भी इस मामले में कुछ हुआ नहीं। हां अलबत्ता इतना जरूर हुआ है कि आतंकियों के आकाओं को बचाने के लिए उन्हें नजरबंद करने की सियासत वहां जरूर हुई। नवाज ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब देश में आम चुनाव होने हैं और वह किसी भी सूरत से अपनी उपस्थिति देश की सियासत में दर्ज करवाना चाहते हैं। यहां पर एक बात समझने की ये भी है कि जिस वक्त मुंबई में आतंकी हमला हुआ था उस वक्त पाकिस्तान में पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी की सत्ता थी।