परिवार ने लावारिस छोड़ा बैल, पंचायत ने दी दो और पशुओं को सम्भालने की सज़ा

गुम्मर पंचायत में 27 जुलाई को दूसरी पंचायत भाटी बोहन के दो भाइयों ने रात के अंधेरे में एक बैल को गुम्मर पंचायत में छोड़ दिया

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की पंचायत गुम्मर के फैसले से अब ऐसे लोगों को जरूर सबक मिलेगा, जो पशुओं को लावारिस छोड़ रहे हैं। जी हां, एक परिवार को एक बैल को रात के अंधेरे में गुम्मर पंचायत में छोड़ दिया। खुलासा हुआ तो पंचायत ने सजा के तौर पर अब परिवार को छोड़े गए बैल के साथ-साथ दो अन्य पशुओं की देखभाल करने का जिम्मा भी सौंप दिया है।यह फैसला गुम्मर पंचायत प्रधान रामलोक धनोटिया और सदस्यों ने सुनाया है। गुम्मर पंचायत में 27 जुलाई को दूसरी पंचायत भाटी बोहन के दो भाइयों ने रात के अंधेरे में एक बैल को गुम्मर पंचायत में छोड़ दिया। पंचायत में आवारा पशु को देख कर पंचायत ने पशु को बेसहारा छोड़ने वाले परिवार का सुराग ढूंढ निकाला।इसके बाद पंचायत में बैठक का आयोजन किया गया और उन दोनों भाइयों को भी बुलाया गया। उन्हें लिखित रूप में एक बैल और साथ दो और बैल पालने के लिए दिए गए। साथ ही उन्हें चेतावनी दी गई है कि पंचायत कभी भी इन पशुओं को देखने के लिए पहुंच सकती है।अगर पशु नहीं पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रधान रामलोक ने बताया कि पशुओं को आवारा छोड़ने वालों के लिए यह एक सबक है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पंचायत में दोबारा कोई भी पशु छोड़ेगा तो ऐसा ही फैसला सुनाया जाएगा। पंचायत के इस फैसले का गांववासियों ने स्वागत किया है।

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