(न्यूज़ लाइव नाउ ) पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कोलकाता के स्कूल में ‘लेजबियन’ विवाद के बाद कहा है कि लेजबियनिज्म हमारी संस्कृति नहीं है और इसके खिलाफ स्कूल कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने शिक्षा विभाग को इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है और स्कूल से भी रिपोर्ट मांगी है। बता दें, हाल ही में कोलकाता के एक स्कूल ने छात्राओं पर लेजबियन होने का आरोप लगाया था और कुछ कागजों पर साइन भी करवा लिए थे।
मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि हमें अपनी संस्कृति बनाए रखनी चाहिए। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। मैंने विभाग से कहा है कि वह इस मामले की जांच करे। मैंने स्कूल से भी इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। यदि छात्राएं दोषी पायी गईं तो उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए स्कूल को पूरा अधिकार है।’
इससे पहले दक्षिण कोलकाता के कमला गर्ल्स स्कूल में स्कूल मैनेजमेंट ने 10 लड़कियों से यह जबरन कबूल करवा लिया कि वे लेजबियन हैं। यह घटना आठ मार्च की है। बाकायदा स्कूल ने एक लेटर पैड पर लड़कियों के ‘कबूलमाने’ पर हस्ताक्षर करवाए। इस बात पर पैरंट्स ने जमकर हंगामा काटा था।
स्कूल प्रशासन ने इस पर कहा कि बच्चों को सुधारने के लिए ऐसा किया जाता है। हमें शिकायत मिली थी कि लड़कियां गंदी तरह की बदमाशी करती हैं। जब हमने इन लड़कियों से पूछा तो उन्होंने खुद ही कहा कि वे सभी लेजबियन हैं। हालांकि, माता-पिता का आरोप है कि स्कूल ने जबर्दस्ती लेटर पैड पर लड़कियों के हस्ताक्षर करवा लिए। अब वे कैरेक्टर सर्टिफिकेट पर इस बात को दर्शाने की योजना बना रहे हैं।
हंगामा और विरोध
भड़के अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा और विरोध किया। प्रधानाचार्या ने बताया, ‘हमने अभिभावकों को बुलाकर उनसे बात की और उनका पक्ष समझना चाहा। हम चाहते हैं कि बच्चियां स्कूल और घर में भी अच्छे से रहें।’ वहीं अभिभावकों ने इसपर नाराजगी जताते हुए कहा है कि अगर दो लड़कियां हाथ पकड़ती हैं या एक दूसरे के कंधे पर हाथ रखती हैं तो इसका यह मतलब नहीं कि वे लेजबियन हैं।