पीएम मोदी ने आतंक के खिलाफ हमला बोला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में विजयादशमी के मौके पर आतंक के खिलाफ हमला बोला। ऐशबाग रामलीला कमेटी के मंच से मोदी ने जय श्रीराम के उद्घोष के साथ भाषण शुरू करते हुए कहा कि जो आतंकवाद को मदद करते हैं पनाह देते हैं अब तो उनको भी बख्शा नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कि युद्ध कभी-कभी अनिवार्य हो जाते हैं।

रावण वध से पहले अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद किसी एक देश का नहीं समूची मानवता का दुश्मन है। भगवान राम मानवाता का प्रतिनिधित्व करते हैं। 600 साल पुरानी ऐतिहासिक रामलीला के मंच पर पहुंचे मोदी ने विश्व समूदाय को संदेश देते कहा कि आतंक रूपी रावण के खात्मे के लिए सभी का सहयोग करना होगा।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद से सबसे पहली लड़ाई जटायू ने लड़ी। सभी लोग राम नहीं हो सकते हैं, लेकिन सवा सौ करोड़ देशवासी जटायू की भूमिका में आतंक को चुनौती दे सकते हैं। देश के लोग आतंकियों की हर हरकत पर ध्यान रखें तो घटनाएं नहीं हो पाएंगी। चौकन्ने रहें।

मोदी ने कहा कि वर्ष 1992-93 तक आतंक पर बात करने पर अमेरिका समेत दुनिया के ज्यादातर देश इसे भारत की कानून- व्यवस्था का मुद्दा करार देते थे। आतंकवाद उनके गले नहीं उतरता था लेकिन, 26/11 के बाद आतंक सारी दुनिया के गले उतर गया। हम युद्ध से बुद्ध की ओर चलने वाले लोगमोदी ने कहा कि युद्ध कभी-कभी अनिवार्य हो जाते हैं, लेकिन यह देश बुद्ध का है। हम युद्ध से बुद्ध की ओर चलने वाले लोग हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आतंक की कोई मर्यादा नहीं,कोई सीमा नहीं है। आतंक के खिलाफ दुनिया की मानवतावादी शक्तियों को एकजुट होना जरूरी है। आतंक का खत्मा करना ही होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि और जो आतंकवाद को मदद करते हैं। आतंकवाद को पनाह देते हैं अब तो उनको भी बख्शा नहीं जा सकता। दुनिया भर की मानवताव वादी शक्तियों को आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।

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