पॉल्यूशन को रोकने के लिए केजरीवाल ने कुछ भी नहीं किया: कैप्टन अमरिंदर

नई दिल्ली. दिल्ली में एयर पॉल्यूशन की स्थिति बदतर होने के बीच इस मुद्दे पर गुरुवार को कैप्टन ने कहा- “पॉल्यूशन को रोकने के लिए केजरीवाल ने कुछ भी नहीं किया। यह बहुत बड़ा मुद्दा है। पॉल्यूशन बढ़ने में सभी राज्यों का योगदान है। अरविंद केजरीवाल बहुत ही अजीब शख्स हैं। वह स्थिति को समझे बिना ही उस पर राय दे देते हैं।” बता दें कि आप सरकार ने राजधानी में छाई धुंध और पॉल्यूशन को देखते हुए 5 दिन के लिए (13 से 17 नवंबर) ऑड-ईवन स्कीम लागू करने का फैसला किया गया है।
“मैंने प्रधानमंत्री को तीन लेटर लिखे थे। कल भी एक लेटर लिखा है। हमने पीएम से अपील की है कि केंद्रीय मंत्रियों के साथ सभी राज्यों के सीएम के साथ एक मीटिंग करें। सिर्फ दिल्ली सीएम के साथ मीटिंग करने से कुछ समाधान नहीं होगा।”  उन्होंने कहा कि दिल्ली में पॉल्यूशन सिर्फ एक राज्य की वजह से नहीं बढ़ रहा है। इसमें सभी राज्यों का योगदान है। इसकी शुरुआत पाकिस्तान से होती है। वहां से वेस्ट-ईस्ट हवाएं चलती हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा- “पंजाब में 20 मिलियन टन पराली रखी है, हम किसानों से इसे कहां स्टोर करने के लिए कहें? मिस्टर अरविंद केजरीवाल इस प्रॉब्लम को समझ ही नहीं रहे हैं।”
अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस बारे में लेटर लिखा था। केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में खराब एयर क्वालिटी के लिए आसपास के राज्यों में जलाई जाने वाली पराली भी जिम्मेदार है। इसे रोकने के लिए मीटिंग करनी चाहिए।
उधर, गुरुवार को अमरिंदर सिह ने ट्वीट कर केजरीवाल के प्रपोजल को नकार दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एयर की क्वालिटी का खराब होना राज्यों के बीच का मामला नहीं है और इसमें केंद्र को कदम उठाने की जरूरत है।
अगर पंजाब-हरियाणा साथ दें तो निकल सकता है समाधान: केजरीवाल 
अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को- “यदि केंद्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारें राजनीति को ताक पर रखकर इससे निपटने के लिए साथ मिलकर काम करें तो समाधान निकल सकता है।”
केंद्रीय पर्यावरण हर्षवर्धन ने राजधानी में पॉल्यूशन की खराब स्थिति और इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाने के लिए केजरीवाल सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा- “दिल्ली सरकार प्रदूषण के मामले में भी राजनीति कर रही है और इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ये सरकार जनहित के मुद्दों का राजनीति के लिये इस्तेमाल करती है और यह उनकी आदत बन चुकी है।”
हर साल इस अवधि के दौरान पराली जलाने से इस क्षेत्र में धुंध की स्थिति बदतर हो जाती है. प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए शहर के प्राथमिक स्कूलों को बुधवार को बंद कर दिया गया. प्रदूषण का स्तर मंगलवार को खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था, जब 21 सक्रिय प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 18 में वायु गुणवत्ता की स्थिति ‘गंभीर’ दर्ज की गई.
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