बनारस के मल्लाहों और घाटों का अब बदलेगा नज़ारा

कंपनियां कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत घाटों को सुंदर बनाने की दिशा में काम करेंगी

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : बनारस में गंगा के घाटों पर नाव लगाकर लुंगी ओढ़े मटरगश्ती करने वाले नाविक जल्द ही डिजाइनर यूनिफार्म में इठलाते नजर आएंगे। उनकी सुध लेने वाला जल्द ही वहां पहुंचने वाला है। उनकी यूनिफार्म ड्रेस की डिजाइनिंग भी ऐसी वैसी जगहों से नहीं कराई जाएगी, बल्कि मुंबई और दिल्ली के जाने-माने कई डिजाइनरों से संपर्क किया जा रहा है।सरकार की मंशा जानकर टेक्सटाइल्स की कई कंपनियां इसके लिए अपनी सेवाएं देना चाहती हैं। कंपनियां कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत घाटों को सुंदर बनाने की दिशा में काम करेंगी। काशी की ऐतिहासिक विरासत को सजाने के साथ कुछ नये प्रयोग भी किये जाएंगे। घाटों की सफाई के साथ वहीं से रोजी रोटी कमाने वालों की सेहत व सूरत दोनों सुधारने की योजना तैयार की गई है।घाटों के साथ लगी नदी के पानी को साफ करने का काम निरंतर हो रहा है। अब वहां डेरा जमाये बैठे पंडे और नदियों में विचरते नाविकों को सुंदर बनाने पर नजर है। नाविकों के लिए बनाये जाने वाले ड्रेस को लेकर कई तरह के विचार आ रहे हैं। ड्रेस के रंग और डिजाइन को लेकर नाविकों की राय भी ली जाएगी। बनारस में अस्सी घाट से लेकर राजघाट तक चलने वाली नावों के नाविकों का रजिस्ट्रेशन पहले ही कर लिया गया है। कुर्ता-पायजामा, शेरवानी और अन्य कई तरह की ड्रेसों को लेकर चर्चा जारी है।

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