शराब कारोबारियों ने शराब का ठेका बीच बाजार में खोल दिया। सुप्रीमकोर्ट के आदेश के चलते एनएच से शराब की दुकान की दुरी 220 मीटर निर्धारित की गई है। लेकिन बालीचौकी में उक्त आदेशों को दरकिनार कर शराब कारोबारियों ने NH से लगभग 180 KM की दूरी पर ही अपनी दुकान सजा ली। इतना ही नहीं बल्कि उक्त ठेके से प्रसिद्ध चुंजवाला व मार्कण्डेय मंदिर के अलावा रावमापा बालीचौकी मुश्किल से 100 m की दुरी पर है और तहसील कार्यालय मात्र 50Km की दुरी पर है। शराब कारोवारियों द्वारा जहाँ दुकान खोली गई है। वहां से प्रतिदिन सैकडों स्कूली छात्र व महिलाऐ गुजरती हैं। मुख्य बाजार में शराब का ठेका खुलने पर न केवल स्थानीय लोग रोष में हैं। बल्कि इस बारे में 16 April को बालीचौकी पंचायत की ग्राम सभा में उक्त ठेके को हटाने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया। स्थानीय पंचायत की प्रधान ‘चंपा ठाकुर’ ने ग्राम सभा के निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि “उनकी पंचायत की महिलांए, पूर्व में महिला ग्राम सभा में भी ‘बालीचौकी’ पंचायत को पूर्ण ‘नशा मुक्त’ करने का प्रस्ताव पारित कर चुकी है। वहीं बाजार में शराब का ठेका खुलवाने के विरोध में स्थानीय लोग अब लामबंद होते जा रहे हैं। स्थानीय पंचायत के वरिष्ठ नागरिक व सराज ‘पंचायत समिति’ के अध्यक्ष ‘दलीप सिंह ठाकुर’ ने बाजार में ‘शराब का ठेका’ खोले जाने को लेकर आंदोलन चलाने की धमकी दी। स्थानीय निवासी व अखील भारतीय कांग्रेस कमेटी के ‘बुद्धिजीवी प्रकोष्ट’ के नेता ‘विजयपाल सिंह चौहान’ ने स्थानीय प्रशासन को 15 दिनों के भीतर ‘ठेका’ बाजार से अन्यत्र तब्दील करने की चेतावनी देते हुए कहा की अगर 15 दिनों के अंदर ‘बालीचौकी’ बाज़ार में स्थित ‘शराब का ठेका’ बदला नहीं गया, तो वे लोगों के साथ सड़कों पर उतरेंगे। ‘समाज सेवी’ व ‘योग गुरु’ ‘महायोगी सत्येंद्र नाथ’ ने भी इस बारे में ‘पुलिस व प्रशासन’ से कार्यवाही की मांग की है। ‘बालीचौकी पंचायत’ के ‘उप प्रधान’ ‘बलदेव शर्मा’ ने शराब का ठेका तब्दील करने की मांग करते हुए कहा कि “अगर शराब कारोबारी अपनी दुकान नहीं उठता है, तो ‘बालीचौकी’ पंचायत की महिलाऐं जबरन ठेका बंद कर देंगी।” वही इस बारे में स्थानीय पुलिस ने जहाँ कोई भी जानकारी होने से इनकार किया, वही तहसीलदार बालीचौकी ‘अनिल कुमार’ ने कहा कि उनके पास अभी तक इस बारे में कोई लिखित शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी।