(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : बिहार के खगडि़या में एक बार फिर कोसी और बागमती नदी खतरे के निशान के पार बह रही हैं। तटबंध के अंदर अभी भी दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। उत्तर बिहार में भी सोमवार को अधिकतर नदियां स्थिर रहीं। पूर्वी चंपारण और दरभंगा जिले के कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बरकरार है।वहीं छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। ओडिशा के मयूरभंज, कोरापुट, संबलपुर, नवरंगपुर, नुआपड़ा, झारसुगुड़ा, बरगढ़ एवं कालाहांडी जिलों में मंगलवार को भारी बारिश होने की उम्मीद है। कई इलाकों में सोमवार को रुक-रुक कर लगातार बारिश होती रही। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इंद्रावती नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।मप्र में 27 जिलों में मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। यहां कई जिलों में बारिश का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा, दक्षिण ओडिशा, राजस्थान के पूर्वी भागों में ही भारी वर्षा की चेतावनी है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा के उत्तरी जिलों, असम, मेघालय और नागालैंड के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर दूसरे दिन भी ट्रेनों का परिचालन ठप रहा। कोसी-सीमांचल में नदियों का जलस्तर कम होने लगा है। बिहार में विभिन्न स्थानों पर नदियों में डूबने से नौ लोगों की मौत हो गई। पश्चिम चंपारण में गंडक समेत अन्य पहाड़ी नदियां शांत रहीं। लेकिन, कई स्थानों पर अब भी आवागमन बाधित है।सिकटा में माजर नदी में डूबने से एक महिला की मौत हो गई। पूर्वी चंपारण में नदियों के जलस्तर में गिरावट के साथ जीवन पटरी पर लौटने लगी है। वही बंजरिया के चैलाहा में नदी में डूबने से एक नवयुवक मारा गया ।